पटना: बिहार भाजपा (BJP) ने पार्टी और सरकार के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए भाजपा दफ्तर में सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए जदयू दफ्तर में भी यह कार्यक्रम किया जाने लगा. लेकिन बिहार बीजेपी के कार्यक्रम को लेकर भाजपा कोटे के मंत्रियों में उदासीनता है. वे लगातार इस कार्यक्रम में पार्टी का सहयोग नहीं कर रहे हैं.
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भाजपा में सहयोग कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की परिकल्पना थी. सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत पहले केंद्रीय कार्यालय में हुई और फिर धीरे-धीरे प्रदेश स्तर के कार्यालय में भी आयोजित किया जाने लगा. खासतौर पर जहां भाजपा की सरकार है. उन राज्यों में कार्यक्रम को तवज्जो दी गई. दरअसल, पार्टी कार्यकर्ता समय-समय पर उपेक्षा का आरोप लगाते हैं. सरकार और पार्टी में सामंजस्य स्थापित करने के लिए सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी.
शुरुआती दौर में सहयोग कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की शिकायतों का निपटारा किया जाता था. बाद में आम लोग भी पहुंचने लगे. बिहार में भी कोरोना संक्रमण थमने के बाद अगस्त महीने के पहले सप्ताह से कार्यक्रम को फिर से शुरू किया गया. सप्ताह में 6 दिन मंत्रियों के लिए कार्यक्रम तय किया गया. उसी हिसाब से अपनी शिकायतों को लेकर कार्यकर्ता और आम लोग पार्टी दफ्तर पहुंचने लगे. आम लोगों के शिकायतों का निपटारा भी होने लगा. उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने सिर्फ एक बार सहयोग कार्यक्रम में लिया हिस्सा.