पटना:नीतीश सरकार लगातार दावा करती रही है कि बिहार की विकास दर 2005 के बाद डबल डिजिट में रहा है. कोरोना के बावजूद पिछले साल भी बिहार की विकास दर 10.5 प्रतिशत रहने का दावा किया गया. वहीं, इस साल जब नए वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बजट पेश किया, तो उसमें उन्होंने दावा किया था कि इस साल भी बिहार का ग्रोथ रेट डबल डिजिट में रहेगा, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में लगे लॉकडाउनके कारण बिहार की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है.
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बिहार में 5 मई से लॉकडाउन
कोरोनाके कारण इस साल भी 5 मई से लॉकडाउन लगा हुआ है और उसका असर हर क्षेत्र पर पड़ा है. ऐसे तो सरकार ने उद्योग और कंस्ट्रक्शन क्षेत्रों को लॉकडाउन से अलग रखा है.
''जब माल की बिक्री ही नहीं हो रही है तो उद्योग धंधे कैसे चलेंगे. पिछले साल के मुकाबले इस बार कोरोना का अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर पड़ रहा है. इससे विकास दर तो प्रभावित होगी ही हजारों करोड़ का नुकसान भी हो रहा है, लेकिन लोगों का जीवन बचाना भी जरूरी है.''-राम लाल खेतान, अध्यक्ष, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
व्यापार का हर क्षेत्र प्रभावित
वहीं, बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स के अनुसार बिहार को कोरोना के कारण इस साल ज्यादा नुकसान हो रहा है. पिछले साल अप्रैल मई और जून 3 महीने इसका जबरदस्त असर रहा. हालांकि ओवरऑल देखें तो पूरे साल लोग उबर नहीं पाए और इस साल भी कोरोना का कहर काफी है और उसके कारण व्यापार का हर क्षेत्र प्रभावित है.
''कोरोना और लॉकडाउन के कारण 300 से 400 करोड़ प्रतिदिन बिहार को नुकसान हो रहा है. ऐसे सही-सही अनुमान फिलहाल लगाना मुश्किल है कि कितना नुकसान होगा. लेकिन बिजनेस से ज्यादा जरूरी अभी जान को बचाना है और हम लोगों का ध्यान उस तरफ भी है.''-मुकेश जैन, वाइस प्रेसिडेंट, बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स
बिहार की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर
बिहार सरकार ने इस साल 2,18,303 करोड़ का बजट पेश किया है. उसमें कुल राजस्व प्राप्ति 1,86,267.29 करोड़ है. इसमें राज्य सरकार को केंद्र की ओर से 54,531.21 करोड़ अनुदान के रूप में मिलेगा. यदि इसको छोड़ दें तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार का जो राजस्व होता है, वो 1,26,230.60 करोड़ होगा. इसके साथ राज्य सरकार कर के रूप में विभिन्न प्रकार की राजस्व प्राप्त करती है, जो 5505.47 करोड़ होगा.
20 दिनों में 7218 करोड़ का नुकसान
इस हिसाब से देखें तो कुल राजस्व 1,31,736.07 करोड़ होता है. प्रतिदिन 360 करोड़ से अधिक राजस्व इसके हिसाब से बिहार को मिलता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण उस पर असर पड़ रहा है. अभी 20 दिनों के लिए लॉकडाउन लगा है, ऐसे में 20 दिनों का राजस्व की बात करें तो 7218 करोड़ होगा और इसमें 85% से 90% तक नुकसान सरकार को तय है. खासकर वाणिज्य कर विभाग, निबंधन विभाग, परिवहन और पर्यटन विभाग को राजस्व का जबरदस्त नुकसान पहुंचेगा.
पिछले साल भी केवल निबंधन विभाग को ही 1000 करोड़ से अधिक का नुकसान राजस्व का हुआ था. बिहार में 2019-20 में 8,71,812 फ्लैट और जमीन का निबंधन हुआ था, जिससे 3290 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था. लेकिन 2020-21 में 5,59,580 फ्लैट और जमीन का निबंधन हुआ है. जिससे 2266 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ. इस तरह 1024 करोड़ का राजस्व नुकसान हुआ था.