पटना: गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच (PMCH ) में इस योजना के नाम पर धांधली का खेल चल रहा है. दरअसल अस्पताल में नया कारनामा मंगलवार को सामने आया है. जहां आयुष्मान कार्ड धारक एक मरीज ने ₹2125 की एमआरआई (MRI) जांच करायी. वहीं अस्पताल प्रबंधन की तरफ ₹33000 का बिल थमा दिया गया. ये पूरा मामला एक पैर से दिव्यांग महिला सुमित्रा देवी से जुड़ा है.
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ईटीवी भारत से बातचीत में सुमित्रा देवी ने बताया कि वह समस्तीपुर जिले की रहने वाली है. उनका कोई नहीं है. ऐसे में वह पटना में लोगों से मांग कर और झाड़ू पोछा करके अपना जीवन यापन करती है. उन्होंने बताया कि उनके 14 वर्षीय बेटे गणपत कुमार को पिछले 1 साल से पीठ में काफी तकलीफ शुरू हो गई है. बच्चे को बचपन में बीच में एक गंभीर घाव हुआ था. जिसका इलाज होने के बाद बाद ठीक हो गया लेकिन वहां काफी दर्द फिर से शुरू हो गया है. बच्चे का दाहिना हाथ कई बार पूरी तरह से अकड़ जा रहा है और रीड की हड्डी में भी काफी तकलीफ है.
'पीएमसीएच में कई बार पहुंची मगर किसी डॉक्टर मेरे बच्चे को सही नहीं देखा. जब अस्पताल अधीक्षक से मिली और बताया कि वह काफी लाचार हैं, तब जाकर अधीक्षक ने उनके बच्चे को राजेंद्र सर्जिकल के सेकंड फ्लोर पर वार्ड में भर्ती कराया. 15 दिन से वह वार्ड में हूं. मगर बच्चे को अभी तक कोई भी दवाई अस्पताल के तरफ से नहीं दी गई. अंत में डॉक्टर ने MRI करवाया और रिपोर्ट देखने के बाद बताया कि मामला ज्यादा गंभीर नहीं है. अब अस्पताल से डिस्चार्ज करने का निर्देश दे दिया है. कुछ दवाइयां भी लिखी गई है. सुमित्रा देवी ने बताया कि डॉक्टर ने कहा कि कुछ ही दवाइयां अस्पताल में मिलेगी. बाकी दवाइयां उन्हें अपने खर्चे से बाहर से लेना होगा.':- सुमित्रा देवी, मरीज की मां