पटनाः 'देश छोड़ अईनी माई करे ला पढ़ाई, सोचनि ना कबो अइसन दिनवा भी आई, कुछो नईखे सूझत अब हमारा बरेन में... बबुआ के बुला ले रे माई फसल बानी यूक्रेन में'... भोजपुरी गीत की ये पंक्ति मां और बेटे के बीच हो रही बातों को इस अंदाज में बंया कर रही है, जिसे सुनकर शायद आप के आंखों से भी आंसू आ जाएं. ये गीत भोजपुरी गायक अकाश मिश्रा (Akash Mishra Sang A Song For People Stranded In Ukraine) ने यूक्रेन में फंसे उन हजारों भारतीयों के लिए गाया है, जो अब तक भारत नहीं लौट पाए हैं. ये उन भारतीयों की आपबीती है जो अपनी मां को फोनकर अपना हाल बता रहे हैं... क्योंकि मुसिबत के वक्त अगर सबसे ज्यादा किसी की याद आती है, तो वो मां ही होती है.
ये भी पढ़ेंःतिरंगे की ताकत: बोले बिहार लौटे तुषार- तिरंगा झंडा देख रूस-यूक्रेन की सेना ने दिया रास्ता
दरअसल, रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद अब वहां की स्थिति बेहद खराब हो गई है. यूक्रेन के कई शहरों में लोग डरे सहमे हुए हैं, फंसे हुए हैं. हमले के बीच लोगों में खौफ का माहौल है. मौत के बादल सिरों पर मंडरा रहे हैं. हमारे देश के नागरिकों को लाने में केंद्र सरकार पूरी कोशिश में लगी है. लेकिन कई लोग अभी भी फंसे हुए है.
ये भी पढ़ेंःयूक्रेन से लौटी सहरसा की अताखा, बोली- हालात हैं बेहद खराब, भूख से तड़प रहे हैं छात्र
गीतों के जरिए बयां किया भारतीयों का दर्दःजो लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं, उन पर क्या कुछ बीत रही है. उनके मन में किस तरह के डर हैं और उनके परिजनों को कैसा लग रहा है. इन सब को भोजपुरी गायक अकाश मिश्रा ने अपने गीतों के जरिए बयां किया है. एक बेटा अपनी मां से विदेश में फंसे होने पर क्या कुछ कहता है. गायक ने अपनी आवाज में उन लोगों के दुख-दर्द को साझा किया है.
'देश छोड़ अइनी माई करे ला पढ़ाई, सोचनि ना कबहो अईसन दिनवा भी आई, कुछो नईखे सूझत अब हमारा बरेन में, बबुआ के बुला ले रे माई फसल बानी यूक्रेन में. डरल बा जियवा, हमला करल बा रसिया, गांव में ही रह के खईंती भईल रोटी बसईया... लाख रुपया कहां से दे आईं प्लेन में.. बबुआ के बुला ले रे माई फसल बानी यूक्रेन में'