पटना:कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में लोग होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं. सरकार का भी ध्यान होम आइसोलेशन (Home Isolation) और टेलीमेडिसिन पर है. होम आइसोलेशन वाले मरीजों से सरकार घरेलू नुस्खा को फॉलो करने की अपील कर रही है. सरकार की तरफ से लोगों से अपील की जा रही है कि संक्रमण के दौरान आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन करें, गर्म पानी का गलाला ( गरारा ) करें और गलाले के लिए पानी में नमक और हल्दी का भी प्रयोग कर सकते हैं. ऐसे में यह जानते हैं कि गलाले के लिए पानी कितना गर्म होना चाहिए (How hot should water be for gargling) और इससे क्या-क्या फायदे हो सकते हैं.
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पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर अनुराग शरण ने बताया कि वायरल इनफेक्शन जैसी बीमारियों में गलाला करना बहुत फायदेमंद होता है. गले में जो भी बैक्टीरिया और वायरस है. वह गलाला के माध्यम से बाहर निकल जाता है. गलाला करने के लिए पानी अधिक गर्म नहीं होना चाहिए. पानी अधिक गर्म होता है तो मुंह के अंदर छाले पड़ सकते हैं और गला जल सकता है. पानी 60 से 65 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होना चाहिए और शरीर में उंगली बहुत सेंसिटिव पार्ट होता है, उंगली से छूकर पानी को देख लेना चाहिए कि पानी अधिक गर्म तो नहीं है.
डॉक्टर अनुराग शरण ने बताया कि 60 से 65 डिग्री सेंटीग्रेड पानी अधिक गर्म हो तो यह ह्यूमन टिश्यू म्यूकोसा टोलरेट कर सकता है. गलाला में पानी में क्या उपयोग कर रहे हैं इसका बहुत महत्व होता है. गलाला करने के लिए पानी में केमिकल का उपयोग करना चाहिए, जिसमें एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी हो. नमक का भी उपयोग कर सकते हैं. नमक अपने ऑस्मोटिक एक्शन से बैक्टीरिया को किल करता है. बीटाडीन और क्लोरहेक्सिडीन का भी प्रयोग कर सकते हैं. यह गले की बैक्टीरिया को किल करने के मामले में सत्यापित है. 1:1 के रेशियो में पानी में इन केमिकल का उपयोग कर गलाला करें.