पटना: बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने ये आग्रह किया है कि एमएसएमई एवं अन्य कारोबारियों के लिए घोषित विभिन्न आर्थिक पैकेज का बैंकों और कार्यान्वयन अथॉरिटी से अनुपालन एवं मॉनिटरिंग कराया जाए.
बैंकों की तरफ से हो रही देर
अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने बताया कि एमएसएमई उद्योगों की अपनी एक अहम भूमिका है. इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार प्राप्त होता है. इसी को देखते हुए एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है. एमएसएमई को कोरोना महामारी से उबारने के लिए सरकार ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना की घोषणा की है. इसके तहत कर्ज की अवधि 4 साल है और एनसीजीटीसी द्वारा सदस्य ऋण दाता संस्थानों से कोई गारंटी राशि नहीं ली जाती है. लेकिन देखा जा रहा है कि बैंकों द्वारा अनावश्यक विलंब किया जा रहा है.
BCCI ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र, कारोबारियों के लिए घोषित पैकेज की मॉनिटरिंग का अनुरोध - एमएसएमई उद्योगों
बैंकों की तरफ से एमएसएमई उद्यमियों को ऋण देने में हो रही देरी को लेकर बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष ने वित्त मंत्री को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने मांग की है कि कारोबारियों के लिए घोषित पैकेज की मॉनिटरिंग की जाए.
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कारोबारियों को हो रही परेशानी
बीसीसीआई के अध्यक्ष ने कहा कि बैंकों द्वारा अनावश्यक विलंब किए जाने की वजह से उद्यमियों एवं कारोबारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इससे अवगत कराने के लिए ये पत्र लिखा गया है और आग्रह किया गया है कि समय से एमएसएमई उद्यमियों को ऋण मिले. इसके लिए बैंकों एवं इसके कार्यान्वयन अथॉरिटी की ओर से इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग की व्यवस्था होनी चाहिए.