पटना:महिला, ट्रांसजेंडर और बच्चों पर हो रहे अत्याचार को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय(Bihar Police Headquarters) काफी सजग है. इसी कड़ी में ये तय हुआ है कि बिहार के सभी जिलों में बालमित्र थाना का निर्माण (Balamitra Police Station) किया जा रहा है. जल्द ही बिहार के सभी जिलों में बालमित्र थाना सुचारू रूप से काम करने लगेगा. बालमित्र थाना में बच्चों के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से वातावरण और सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी. पुलिस मुख्यालय के अनुसार बिहार में अभी महज 2 जिले पूर्णिया और नालंदा में बालमित्र कार्यरत हैं. जिस प्रकार से सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाया जा रहा है, ठीक उसी प्रकार बालमित्र डेस्क भी कार्यरत रहेगा.
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यही नहीं महिलाओं के विरुद्ध गंभीर अपराधों में त्वरित और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भी नई कोशिश की जा रही है. इसके तहत महिला अपराध की जांच के लिए स्पेशल टीम (Special Team Will Investigate Women Crime) का गठन किया जा रहा है. इसके साथ-साथ सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क भी बनाया जा रहा है. बच्चों से संबंधित अपराध (Crimes Against Children) को नियंत्रित करने और बाल तस्करी जैसे मामलों पर नकेल कसने के लिए बिहार पुलिस ने एक नई पहल शुरू की है. राज्य के थानों में अब बालमित्र थाना भी कार्यरत होगा, जहां विशेषकर बच्चों से जुड़े मामले देखे जाएंगे. बिहार में मानव तस्करी के मामले आए दिन प्रकाश में आते हैं. खासकर छोटे बच्चों को अन्य राज्यों में बाल मजदूरी के लिए ले जाया जाता है. जहां इनका जमकर शोषण करते हैं.
इसी तरह बच्चों के उत्पीड़न और उनके साथ होने वाली यौनिक हिंसा भी बड़े बाल अपराध रहे हैं. इन मामलों में कई बार सामान्य पुलिस थानों में सवाल जवाब भी अनुसंधान के दौरान बच्चे असहज महसूस करते हैं. बालमित्र स्थानों पर बच्चों से जुड़े वातावरण और सामग्री भी व्यवस्था रहेगी ताकि बच्चे खुद को सहज नहीं महसूस कर सकें.