तरेत पाली मठ में बागेश्वर बाबा का दरबार. पटनाः हनुमत कथा के तीसरे दिन नौबतपुर के तरेत पाली मठ के कथा स्थल पर बागेश्वर धाम के कथा वाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दरबार सजा. सभी भक्त इस बात का इंतजार कर रहे थे कि कथा शुरू होगी, क्योंकि दिव्य दरबार स्थगित हो गया था. इसी बीच बाबा ने कहा कि वह गुरु कृपा करने जा रहे हैं. दिव्य दरबार होगा. जितने लोगों का संभव हो पाएगा, बागेश्वर धाम बालाजी महाराज के पास जिनकी अर्जी स्वीकृत हुई होगी उनकी पर्ची देखी जाएगी.
इसे भी पढ़ेंःBageshwar Baba ने पर्चा खोला तो भक्त रह गए अचंभित, बिना कुछ पूछे बताया समस्या और समाधान, देखें Uncut Video
कागज पर लिखी थी परेशानी और समाधान: कार्यक्रम में बाबा ने 25 से अधिक लोगों की पर्ची निकाली. जिनकी पर्ची निकलती बाबा उन्हें बुलाकर पहले उनकी समस्या को और उसके समाधान को कागज पर लिख लेते. फिर भरे दरबार में उसकी समस्या पूछते और कागज दिखाते जिस पर वह सब कुछ लिख कर बैठे होते. इसके बाद बाबा उससे पूछते कि क्या यही समस्या है. हां में जवाब मिलने के बाद पूर्व से लिखे समाधान बताने के साथ-साथ कुछ और समाधान कान में बताते. जो लोग समाधान प्राप्त करके मंच से नीचे उतर रहे थे वह भावविभोर नजर आए. लोगों में इस बात का आश्चर्य हो रहा था कि उन्होंने जिस सवाल को मन में बांधकर अर्जी लगाई थी आखिर बाबा के पास ठीक वही प्रश्न की जानकारी पूर्व से कैसे हो गई.
यकीन नहीं हो रहा थाः पटना सिटी के रहने वाले आकाश कुमार की अर्जी भी सुनी गई. बाबा से पर्ची दिखाकर लौटने पर ईटीवी भारत से आकाश ने बताया कि वह इस बात को लेकर काफी आश्चर्यचकित हैं कि बाबा को कैसे पता है कि उनकी समस्या क्या है. उन्होंने कहा कि वह अब तक इस बात को यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि उनके साथ यह सब कुछ हुआ है. बाबा ने सीधे उनकी मूल समस्या को पकड़ ली और समाधान बताया. उन्होंने कहा कि इससे पहले जब वह मोबाइल में ऐसे कार्यक्रम बाबा के देखते थे तो उन्हें अंधविश्वास लगता था लेकिन अब ऐसा महसूस हो रहा है कि बाबा के पास सही में दैवीय शक्ति है. उन्होंने लगभग 6 महीने पहले अपने अंतर्मन से बालाजी धाम के नाम की अर्जी लगाई थी और इसकी सुनवाई हुई.
अर्जी स्वीकार होने की थी खुशीः दरबार में पहुंची महिला उर्मिला देवी ने बताया कि उसके मन में जो समस्याओं से जुड़े सवाल थे उसी का बाबा ने जवाब दिया. बाबा ने बिना बताए पकड़ लिया कि वह घर में खाने पीने की किल्लत से परेशान है. पति के शराब पीने के रवैया से परेशान हैं. उन्होंने बताया कि बाबा ने उनको सलाह दी है और जो कुछ करने को कहा है वह करेगी. बाबा की सलाह प्राप्त कर वह खुद को धन्य महसूस कर रही है कि इतनी भीड़ में उनकी अर्जी स्वीकार हुई है. इस बात से वह काफी खुश थी. उर्मिला के साथ मौजूद महिलाओं ने कहा कि बाबा ने उन्हें भी बुलाया लेकिन बाबा ने बोला कि उनकी अर्जी को बाद में सुनी जाएगी.
थम नहीं रहे थे खुशी के आंसूः पटना के दानापुर की रहने वाली रश्मि सिन्हा बाबा से परिचय प्राप्त कर जब लौटी तो उसकी आंखों से खुशी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. उन्होंने बताया कि जब बागेश्वर धाम की महिमा के बारे में उन्हें पता चला तो उन्होंने लहसुन प्याज बंद कर दिया था. उसके बाद कुछ दिनों पहले उन्हें बाबा सपने में आए थे जिसमें उन्होंने 7 से 8 महीने के भीतर दर्शन देने की बात कही थी. अभी दो महीना ही बीत रहे हैं कि दर्शन हो गया है. उसने कथा स्थल धाम पर नारियल बांधकर अर्जी भी लगाई थी. बाबा ने जो उनके मन में सवाल थे समस्याएं थी बिना बताए ही उसका समाधान भी बता दिया. इस बात से वह काफी खुश हैं.
बाबा ने कार्यक्रम के अंत में संकल्प करायाः लगभग डेढ़ घंटे चले दिव्य दरबार में काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. सभी बाबा से मिलना चाहते थे. बाबा ने कार्यक्रम के अंत में एक संकल्प कराया और लहसुन प्याज और मांस मदिरा का सेवन बंद करने का संकल्प कराते हुए बागेश्वर महाराज से प्रार्थना की कि भगवान सभी लोगों की अर्जी स्वीकार कर ले. उन्होंने कहा कि भगवान सभी की अर्जी स्वीकार करेंगे और जब अर्जी स्वीकृत हो जाए काम बन जाए तो एक बार बागेश्वर धाम महाराज के दर्शन आकर जरूर करें. उन्होंने यह कहा कि लहसुन प्याज मांस मदिरा का त्याग करने के बाद ही अर्जी की सुनवाई जल्द होगी, इसके साथ ही उन्होंने मंच से अभी कहा कि 27 सितंबर को वह फिर से गया धाम में आ रहे हैं. बिहार वासियों से मिले प्यार से वह काफी अभिभूत हैं.
13 मई से बाबा का चल रहा कार्यक्रमः बता दें कि 13 मई से तरेत पाली मठ में बागेश्वर बाबा का कार्यक्रम शुरू हुआ. 17 मई तक उनका कार्यक्रम होगा. बाबा के आने से पहले सियासी बयानबाजी भी हुई. लोगों की भीड़ के कारण कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को समय से पहले कथा को समाप्त करना पड़ा है. इसके बाद आयोजककर्ता के द्वारा बताया गया कि दिव्य दरबार रद्द कर दिया गया है, लेकिन सोमवार को बाबा अचानक दिव्य दरबार लगाना शुरु कर दिए और लोगों की अर्जी सुनें.