पटना:कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिये देशव्यापी लॉकडाउन जारी है. इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन में यातायात बंद होने के कारण खासकर ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की समस्याएं बढ़ गई है. अपनी मांगों को लेकर पिछले पांच दिनों से ऑटो चालक अपने घरों से आंदोलन कर रहे हैं. इसी क्रम में आज ऑटो चालकों ने पटना स्टेशन स्थित टेम्पू स्टैंड में बैठक की और सरकार से तीन महीने का राशन और 5 हजार रुपये आकस्मिक सहायता भत्ता देने की मांग की.
लॉकडाउन: ऑटो चालकों ने मांग को लेकर की बैठक, सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप - Auto drivers protest
यातायात बंद होने के कारण ऑटो चालकों की रोजमर्रा और जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन उनकी सवारी गाड़ी बंद है. अब लॉकडाउन में चालकों की कमाई का कोई श्रोत नहीं बचा है. विवश होकर अपनी मांगों को लेकर पिछले पांच दिनों से टेम्पू चालक अपने-अपने घरों से आंदोलनरत हैं.
घर चलाने पर आई आफत
दरअसल, यातायात बंद होने के कारण ऑटो चालकों की रोजमर्रा और जीवकोपार्जन का एकमात्र साधन उनकी सवारी गाड़ी बंद है. रिक्शा चालकों की रोजाना कमाई ही इनके परिवार के जीवनयापन का एकमात्र जरिया था. अब लॉकडाउन में चालकों की कमाई का कोई श्रोत नहीं बचा है. विवश होकर अपनी मांगों को लेकर पिछले पांच दिनों से टेम्पू चालक अपने-अपने घरों से आंदोलनरत हैं. आज पटना स्टेशन स्थित टेम्पू स्टैंड में हुई बैठक में चालकों ने सरकार से तीन महीने का राशन और 5 हजार रुपये सहायता राशि की मांग की.
'पटना डीटीओ के साथ हुई बैठक'
बिहार राज्य चालक दल के प्रदेशाध्यक्ष नवीन मिश्रा ने कहा कि सरकार के इस रवैये से सभी चालकों के साथ वाहन मालिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पटना डीटीओ के साथ हुई बातचीत में एक फॉर्मेट तैयार किया गया. फॉर्म में ड्राइवर के विवरण की जगह या कोई कॉलम ही उपलब्ध है. साथ ही उन्होंने कहा कि फॉर्म में सिर्फ वाहन मालिकों के विवरण के बारे में जानकारी देने की जगह है. यह सरासर गलत है.