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कोरोना का आपातकाल: कमाई घटने से छलका ऑटो चालकों का दर्द, कहा- 'कोरोना से पहले मार देगी भूख'

कोरोना से जहां देखो वहां हाहाकार मचा हुआ है. इन सब के बीच पटना के लाइफलाइन कहे जाने वाले ऑटो और कैब चालक के हालात भी बहुत ज्यादा खराब हैं. सभी को अब भरण पोषण की चिंता सताने लगी है. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
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Published : Apr 22, 2021, 7:45 PM IST

Updated : Apr 22, 2021, 9:19 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना की दूसरी लहर से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं, राजधानी पटना की लाइफ लाइन कहे जाने वाले ऑटो तो चल रहे हैं, लेकिन सवारी के लिए ड्राइवरों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. सड़कों पर जहां यात्री ऑटो का इंतजार किया करते थे, वहीं ऑटो चालक अब यात्रियों का इंतजार करते नजर आ रहे हैं. ऑटो चालकों के सामने पिछले साल के जैसे स्थिति फिर से बन गई है, जब सड़कों पर यात्रियों के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.

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कोरोना से घटी कमाई
ऑटो चालक और कैब चालक की जीविका को कोरोना ने तहस नहस कर दिया है. कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते लोगों ने एहतियातन घूमने या खरीदारी करने के लिए अपने घरों से निकलना बंद कर दिया है, जिससे ऑटो या कैब चालकों की कमाई घट गई है. पटना के रहने वाले अवध सिंह ने बताया कि ऑटो किस्त पर लेकर चलाते हैं और अभी किस्त जमा करना तो दूर घर परिवार की रोजी-रोटी कैसे चलेगी, इसकी चिंता सताती रहती है.

''दिनभर में 200 से 300 रुपए की कमाई हो रही है, उसमें खाना भी खाना है फिर शाम होते ही घर का राशन भी ले जाना होता है. सुबह 6 बजे से ऑटो लेकर सड़क पर दौड़ रहे हैं, लेकिन कमाई 1 बजे तक 50 रुपए ही हुई है. ऐसे में घर परिवार चलाना काफी मुश्किल हो गया है, कोरोना के डर से लोग अपने घरों से कम निकल रहे हैं. जिससे कमाई काफी कम हो गई है''- अवध सिंह, ऑटो चालक

कोरोना से घटी कमाई

'कोरोना से पहले भूख मार देगी'
वही सीतामढ़ी जिले के रहने वाले अमर ने बताया कि अपने परिवार को लेकर पटना शहर में किराए का रूम लेकर रहते हैं और ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के कारण जो हालात बिगड़ रहे हैं, इससे भी डर लगता है. लेकिन कोरोना से पहले भूख से ही लोग मर जाएंगे.

''महामारी के कारण लोग डर गए हैं, जो जहां है वहीं रुक गया है. ट्रेन से भी यात्री कम आ रहे हैं और इसका सीधा असर हम लोगों की कमाई पर पड़ रहा है. पहले 500 से 600 रुपए कमा लिया करते थे, लेकिन अब 100 से 200 रुपए कमाना भी मुश्किल हो गया है''- अमर कुमार, ऑटो चालक

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''बिहार में अभीनाइट कर्फ्यूलगा है. जिसे लेकर सरकार ने कई निर्देश भी जारी किए हैं. ऑटो चल रहे हैं, लेकिन ऑटो में यात्री कम बैठ रहे हैं. ऑटो चालकों को ये चिंता भी सता रही है कि अगर बिहार में लॉकडाउन लगा तो जीवन बद से बदतर हो जाएगा''-रमेश कुमार, ऑटो चालक

सरकार से मदद की गुहार
सरकार को हम चालकों के लिए कुछ मदद करनी चाहिए. पटना की सड़कों पर कुल 32 हजार ऑटो चलते हैं. इनमें 17 हजार डीजल व 15 हजार पेट्रोल चालित ऑटो शामिल हैं. कैब चालकों की संख्या भी करीब पांच हजार के आसपास है. पिछले कुछ दिनों में बढ़े कोरोना संक्रमण के कारण इनकी कमाई 30 प्रतिशत भी नहीं रही है.

ऑनलाइन बुकिंग में आई कमी

पटना की 'लाइफ लाइन'

  • राजधानी की सड़कों पर करीब 32 हजार ऑटो
  • 17 हजार डीजल और 15 हजार पेट्रोल चालित ऑटो
  • कैब चालकों की संख्या करीब 5 हजार

''आज के समय में कोरोना का जो खतरा बढ़ चुका है, उससे उनके जीवन पर बहुत ही बुरा असर पड़ा है. कई कैब चालक कोरोना संक्रमित भी हो चुके हैं और जो कैब चालक गाड़ी चला रहे हैं उन्हें कोरोना संक्रमित होने का खतरा सता रहा है. मगर जीवन यापन के लिए जिन पैसों की जरूरत है, वह इन कैब चालकों को गाड़ी चलाने के बाद ही मिल सकती है, इसको देखते हुए कैब चालक मजबूरन संक्रमण के खतरे को देखते हुए भी गाड़ी चलाने पर मजबूर हैं''-सोनू कुमार, कैब चालक

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''अन्य कोई आर्थिक स्रोत ना होने के कारण कैब चालकों को कोरोना संक्रमण होने के खतरे के बावजूद कैब चलाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. अभी के दिन में गाड़ी चलाना खतरे से खाली नहीं है, लेकिन अपने परिवार के लिए गाड़ी चलाना बहुत जरूरी है. कमाएंगे नहीं तो परिवार वालों को कहां से खिलाएंगे''-बिट्टू कुमार, कैब चालक

देखिए ये रिपोर्ट

ऑनलाइन बुकिंग में भी आई कमी
बिहार में ऑनलाइन कैब चालकों की हालत भी खराब है, क्योंकि ओला उबर जैसी कंपनियों के माध्यम से गाड़ियों को चलाने वाले ड्राइवरों का कहना है कि अभी के समय में ऑनलाइन बुकिंग काफी कम हो चुकी है. पहले की संख्या में मात्र 20 से 30 प्रतिशत ही लोग कैब को बुक कर सफर कर रहे हैं. जिस कारण से कैब चालक आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो गए हैं.

Last Updated : Apr 22, 2021, 9:19 PM IST

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