पटना: भ्रष्टाचार दूर करने के सरकार के तमाम दावे एक बार फिर फेल साबित होते दिख रहे हैं. विशेष रूप से बिहार के शिक्षा विभाग को लेकर कई बार खुद शिक्षक ही भ्रष्टाचार की शिकायत करते दिखते हैं. ईटीवी भारत को जो एक्सक्लूसिव जानकारी हाथ लगी है उसके मुताबिक बिहार के एक शिक्षा अधिकारी के पास करोड़ों की संपत्ति है. जिसका खुलासा खुद उन्होंने अपनी संपत्ति के ब्योरे में किया है.
दरअसल, आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय ने ईटीवी भारत को जानकारी दी है कि औरंगाबाद के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मिथिलेश कुमार करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. उनकी संपत्ति में अचानक इजाफा हुआ है. 2018-19 में उन्होंने खुद शिक्षा विभाग को अपनी संपत्ति के बारे में बताया है.
लाख से करोड़ों में पहुंच गई संपत्ति
बता दें कि शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर यह सारी जानकारी उपलब्ध है. 2017-18 में मिथिलेश कुमार की संपत्ति जहां कुछ लाख थी, वहीं अगले साल ये संपत्ति बढ़कर करोड़ों में पहुंच गई. आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय ने कहा कि पूरे मामले को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय, आर्थिक अपराध इकाई और शिक्षा विभाग को जानकारी उपलब्ध कराई है. साथ ही इस पूरे मामले की जांच की मांग की है.
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कौन हैं करोड़ों के मालिक मिथिलेश कुमार?
करोड़पति मिथिलेश कुमार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के रूप में औरंगाबाद में करीब 9 साल से कार्यरत हैं, जबकि सरकार के नियम के मुताबिक कोई भी अधिकारी 3 साल से ज्यादा एक ही जिले में पदस्थापित नहीं रह सकता है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किस नियम के तहत एक डीपीओ को जिले में बरकरार रखा गया है. वहीं, डीपीओ मिथिलेश कुमार पर पिछले दिनों एक शिक्षक को अपने ऑफिस की छत से फेंकने का मामला भी औरंगाबाद के थाने में दर्ज है.