पटना:केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बिहार, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के डॉक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर कोविड-19 के विरुद्ध जंग में उनका अनुभव जाना. उनसे सुझाव प्राप्त किए गए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इमरजेंसी मेडिसिन के ज्यादातर डॉक्टर जुड़े हैं. लंदन और अन्य देशों में मौजूदा समय में कार्य कर रहे बिहार के मूल निवासियों ने आपदा की इस घड़ी में अपने राज्य में सेवा करने की भी इच्छा प्रकट की है.
फोन पर की गई बातचीत
कार्यक्रम का संयोजन लंदन में रहने वाले डॉ. कामेश्वर सिंह और लाल बहादुर मंडल ने किया था. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने मेदांता अस्पताल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. नरेश त्रेहान से फोन पर बातचीत की. उनसे आग्रह किया गया कि पटना स्थित मेदांता अस्पताल को कोविड-19 के देखभाल के लिए शुरू किया जाए.
बिहार सरकार से संपर्क
इस पर डॉ. त्रेहान ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके प्रतिनिधि बिहार सरकार से संपर्क कर हर संभव मदद उपलब्ध कराएंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मंगल पांडे से बातचीत की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार के साथ है. हर तरह सुविधा उपलब्ध कराने में किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी. 500 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर उपलब्ध कराया जा रहा है.
हर संभव मदद का भरोसा
इसके अतिरिक्त दो हजार और ऑक्सीजन कंसेट्रेटर उपलब्ध कराया जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने इमरजेंसी मेडिसिन के डॉ. तोमेरिश कोले से भी बातचीत की. नीति आयोग के आग्रह पर दिल्ली में डॉ. कोले ने कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पताल तैयार कराने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है. उन्होंने भी हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है.
डॉक्टरों को दिया गया सुझाव
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टरों की ओर से दिए गए सुझाव और बिहार में इन डॉक्टरों की ओर से अपनी सेवा देने के बारे में भी उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री अवगत कराया. बातचीत के दौरान पटना की डॉक्टर सारिका ने कंकड़बाग में अपने 20 बेड के अस्पताल को कोविड-19 के लिए डेडिकेटेड अस्पताल में तब्दील करने की इच्छा जाहिर की.