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अश्विनी चौबे ने डॉक्टरों के साथ की बैठक, बिहार को लेकर कही ये बातें

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने डॉक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है. परहेज और सतर्कता बरतने की जरूरत है.

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अश्विनी चौबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से डॉक्टरों से की बैठक

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Published : Jul 27, 2020, 10:22 PM IST

पटना:केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बिहार, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के डॉक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर कोविड-19 के विरुद्ध जंग में उनका अनुभव जाना. उनसे सुझाव प्राप्त किए गए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इमरजेंसी मेडिसिन के ज्यादातर डॉक्टर जुड़े हैं. लंदन और अन्य देशों में मौजूदा समय में कार्य कर रहे बिहार के मूल निवासियों ने आपदा की इस घड़ी में अपने राज्य में सेवा करने की भी इच्छा प्रकट की है.

फोन पर की गई बातचीत
कार्यक्रम का संयोजन लंदन में रहने वाले डॉ. कामेश्वर सिंह और लाल बहादुर मंडल ने किया था. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने मेदांता अस्पताल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. नरेश त्रेहान से फोन पर बातचीत की. उनसे आग्रह किया गया कि पटना स्थित मेदांता अस्पताल को कोविड-19 के देखभाल के लिए शुरू किया जाए.

बिहार सरकार से संपर्क
इस पर डॉ. त्रेहान ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके प्रतिनिधि बिहार सरकार से संपर्क कर हर संभव मदद उपलब्ध कराएंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मंगल पांडे से बातचीत की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार के साथ है. हर तरह सुविधा उपलब्ध कराने में किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी. 500 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर उपलब्ध कराया जा रहा है.

हर संभव मदद का भरोसा
इसके अतिरिक्त दो हजार और ऑक्सीजन कंसेट्रेटर उपलब्ध कराया जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने इमरजेंसी मेडिसिन के डॉ. तोमेरिश कोले से भी बातचीत की. नीति आयोग के आग्रह पर दिल्ली में डॉ. कोले ने कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पताल तैयार कराने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है. उन्होंने भी हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है.

डॉक्टरों को दिया गया सुझाव
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टरों की ओर से दिए गए सुझाव और बिहार में इन डॉक्टरों की ओर से अपनी सेवा देने के बारे में भी उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री अवगत कराया. बातचीत के दौरान पटना की डॉक्टर सारिका ने कंकड़बाग में अपने 20 बेड के अस्पताल को कोविड-19 के लिए डेडिकेटेड अस्पताल में तब्दील करने की इच्छा जाहिर की.

उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे को बताया कि अपने परिजनों जो हाल ही में कोरोना संक्रमित हुए थे. उनकी देखभाल करते हुए चिकित्सीय कार्य में जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है. परहेज और सतर्कता बरतने की जरूरत है.

20 बेड का अस्पताल तैयार
डॉक्टर सारिका ने कहा कि अभी 20 बेड का अस्पताल तैयार है और 20 बेड तैयार किया जा रहा है. सेवा भाव से वो इसे कोविड-19 के लिए डेडिकेटेड करना चाहती है. इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने अपना अनुभव भी साझा किया. कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए.

सेवा देने के लिए तत्पर
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे की पहल पर प्राइवेट सेक्टर के डॉक्टर बिहार में अपनी सेवा देने के लिए तत्पर हैं. अलग अलग टीम में वह बिहार का दौरा करेंगे और हर संभव सेवा पटना, भागलपुर, बक्सर, मुजफ्फरपुर सहित राज्य के अन्य जिलों में प्रदान करेंगे.

डॉक्टर्स ने दिए कई सुझाव
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने भागलपुर के आई. एम.ए के अध्यक्ष डॉ. चंद्रमौली उपाध्याय से भी बातचीत की. डॉक्टर महेश डॉक्टर नीलकमल सहित अन्य डॉक्टर्स ने भी उनका अनुभव जाना. उन्होंने कहा कि मरीजों की सेवा में सभी तत्पर है. निश्चित रूप से अन्य डॉक्टरों की मदद मिलने से सेवा भाव को गति मिलेगी.

इस दौरान डॉ.लक्ष्मी झा, डॉ. रविकांत सिंह, डॉक्टर तारिक, डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. मिथिलेश झा, डॉ. शैलेश कुमार सिन्हा, डॉ. आनंदमयी सिन्हा, डॉक्टर प्रतिमा मिश्रा, डॉक्टर एसबी सिंह, डॉक्टर उषा किरण वर्मा, डॉक्टर बिंदु सिन्हा और डॉक्टर पारसनाथ सिंह ने भी अपना अनुभव व्यक्त किया और महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए.

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