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Rajkumar Shukla Jayanti: 'इस महानायक को उचित स्थान नहीं मिल पाया क्योंकि उनके नाम के बाद शुक्ला लगा है'- अश्विनी चौबे - अश्विनी चौबे ने राजकुमार शुक्ला को श्रद्धांजलि दी

देश की आजादी की लड़ाई में चंपारण सत्याग्रह एक महत्वपूर्ण मोड़ था. किसानों के अधिकारों की रक्षा की और उनके अत्याचार के खिलाफ लड़ा गया था. इस आंदोलन के प्रमुख नेता राजकुमार शुक्ल थे, जिन्होंने बिहार के चंपारण जिले में किसानों के संघटित विरोध के रूप में इस आंदोलन का आयोजन किया था. महात्मा गांधी को उन्होंने ही चंपारण बुलाया था. आज उसी राजकुमार शुक्ल की जयंती है. पढ़ें, विस्तार से.

Rajkumar Shukla Jayanti
Rajkumar Shukla Jayanti

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 23, 2023, 10:57 PM IST

पटना: पटना के विद्यापति भवन में बुधवार को चंपारण सत्याग्रह के सूत्रधार पंडित राजकुमार शुक्ला की 148 वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया. राजकुमार शुक्ल समिति संस्थान की ओर से यह आयोजन किया गया, जिसमें चंपारण से सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे और राजकुमार शुक्ल को श्रद्धांजलि दी. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता लोजपा रामविलास के नेता राकेश भट्ट ने किया. मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और अश्वनी चौबे मौजूद रहे.

"आज तक स्वतंत्रता आंदोलन के इस महान नायक (राजकुमार शुक्ल) को उचित स्थान नहीं मिल पाया है क्योंकि उनके नाम के बाद शुक्ला लगा है और वह जाति से पंडित हैं. राजधानी पटना में उनकी एक छोटा सी मूर्ति भी नहीं दिखाई देती है."- अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री

आजादी की लड़ाई में सर्वस्व न्योछावर किया: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पंडित राजकुमार शुक्ला ने देश की आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्योछावर किया. आजादी के इस अमृत काल में वह उन्हें नमन कर रहे हैं. आजादी के इस अमृत काल में देश की स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले सभी महान विभूतियों के गांव जाकर वह उनकी माटी का तिलक लगाएंगे.

चंपारण सत्याग्रह से स्वतंत्रता आंदोलन को मिली गतिः उन्होंने कहा कि साउथ अफ्रीका से लौटने के बाद महात्मा गांधी स्वतंत्रता आंदोलन को गति देने के लिए बिहार पहुंचे. बिहार में जब चंपारण सत्याग्रह शुरू हुआ तो उसने स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई गति दी, जिस कारण देश 1947 में स्वतंत्र हुआ. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने राजकुमार शुक्ल को याद करते हुए कहा कि राजकुमार शुक्ल ने समाज में न्याय और समानता के लिए हमेशा लड़ाई लड़ी. उन्होंने अपने पास कुछ ना रखकर अपनी जमीन जायदाद सब कुछ न्योछावर कर दिया था.

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