मंदिर हटाने के विरोध में प्रदर्शन पटना:राजधानी पटना के अशोक राजपथ स्थित पटना कॉलेज के बाहर सड़क के बीचों-बीच स्थित श्री ब्रह्म स्थान दुर्गा मंदिर स्थित है. मंदिर सालों से सड़क के बीच में स्थित है. अशोक राजपथ पर पटना मैट्रो और डबल डेकर फ्लाइ ओवर बनाने का काम चल रहा है. जिसको लेकर मंदिर को दूसरे जगह पर शिफ्ट करने की योजना (demolition of Durga temple) है. जिसके विरोध में स्थानीय लोग सड़क पर उतरे हुए हैं.
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विरोध में सड़क पर उतरे लोग: मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में महिलाएं सड़क पर उतर गई और अशोक राजपथ को घंटों तक जाम कर दिया. इस दौरान अशोक राजपथ पर परिचालन ठप पड़ गया और लोगों को काफी समस्याएं भी हुई. अशोक राजपथ पर डबल डेकर पुल का काम चल रहा है. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के कार्य में मंदिर अवरोध पैदा कर रहा है. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम मंदिर को तोड़ना चाहता है. इधर, मंदिर को बचाने के लिए स्थानीय समाजसेवी संजय सिंह विगत 7 दिनों से मंदिर के बाहर टेंट डालकर अनशन पर बैठे हुए हैं. जिनका स्थानीय लोग भारी तादाद में समर्थन कर रहे हैं.
"आज सातवें दिन आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. हम विकास के विरोधी नहीं है और उन्हें पता है कि चाहे मेट्रो का निर्माण हो या डबल डेकर पुल का निर्माण हो. यह उन लोगों के फायदे के लिए ही है. लेकिन सरकार से उनकी गुहार है कि हमारी आस्था का भी ख्याल रखा जाए. यह 300 साल से अधिक पुराना मंदिर है. किसी जमाने में अंग्रेजों ने भी इस मंदिर को हटाने का प्रयास किया था लेकिन नहीं कर पाए थे. आज स्वतंत्र भारत में लोगों की आस्था को ताक पर रखते हुए विकास के नाम पर मंदिर को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियर का कहना है कि बिना मंदिर तोड़े भी नक्शा में थोड़ा बदलाव करते हुए कार्य हो सकता है. जिससे मंदिर भी बच जाएगा और डबल लेकर पूल भी आसानी से बन जाएगा. हम माता रानी से प्रार्थना करते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सद्बुद्धि दें. ताकि, मंदिर तोड़ने के निर्णय को बदल ले."- संजय सिंह, समाजसेवी
अनशन पर बैठे संजय सिंह ने कहा कि मंदिर को 1 इंच इधर से उधर नहीं होने देंगे. यह हजारों लाखों लोगों की आस्था का सवाल है और यह मंदिर पटना की पहचान रही है. हम आमरण अनशन पर तब तक बने रहेंगे. जब तक सरकार इसे ध्वस्त करने के फैसले को वापस नहीं लेती है. प्रशासन का टीम 7 दिनों के बाद आज यहां पहुंची और उनसे बातें की हैं. मौखिक आश्वासन दिया है कि मंदिर नहीं टूटेगा, तब स्थानीय लोग सड़क से हटे हैं.
जारी रहेगा आमरण अनशन: जब से मंदिर तोड़ने का प्रयास शुरू हुआ है. तभी से मंदिर के पास हमेशा दर्जन भर से अधिक संख्या में लोग मौजूद रह रहे हैं और हवन कीर्तन का भी दौर लगातार जारी है. स्थानीय महिलाएं हवन कर कीर्तन करते हुए समय बिता रही हैं. स्थानीय महिला नीतू सिंह ने कहा कि वह विकास की विरोधी नहीं है. लेकिन वह अपने आस्था के साथ कोई खिलवाड़ होते हुए नहीं देखेंगी. इसे बर्दाश्त नहीं करेंगी. वर्षों पुराना यह मंदिर है और इससे उनकी आस्था जुड़ी हुई है. सरकार से उनकी यही मांग है कि उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ ना की जाए और मंदिर को तोड़ने से बचाया जाए.
"गुलामी के दौर में भी यदि कोई आंदोलन करता था तो मेडिकल टीम पहुंची थी. भगत सिंह और महात्मा गांधी जब अनशन किए तब मेडिकल टीम आती थी और स्वास्थ्य जांच करती थी. लेकिन आजाद भारत में मंदिर को बचाने के लिए हमारे साथी संजय सिंह 7 दिन से अनशन पर बैठे हुए हैं. लेकिन कोई नहीं पहुंचा. इसी से आक्रोशित होकर हजारों की तादाद में महिलाओं ने अशोक राजपथ पर आवागमन बाधित किया और सड़क जाम किया है. हमारी मांग है कि 300 साल पुरानी मंदिर को बिना छेड़छाड़ किए हुए कोई विकास का काम किया जाए."- लोकेश कुमार, स्थानीय युवक