पटना: बिहार में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. चुनावी साल में कोरोना की मार भी है. इस वजह से सत्तारूढ़ दल डिजिटल माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का सहारा ले रही है. हालांकि, चुनाव समय पर होगें या नहीं इस पर संशय के बादल छाए हुए हैं. लेकिन बिहार के सियासी दल एक दुसरे पर वार-पलटवार कर चुनावी मोड में आने के संकेत दे रहें है. इसी क्रम में बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि चुनाव से पहले महागठबंधन बिखर जाएगी. आरजेडी और कांग्रेस का एक बड़ा गुट चुनाव से पहले जदयू का दामन थामेंगी.
'जदयू और लालू विचारधारा विपरीत'
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि जदयू और लालू की विचारधारा बिल्कुल अलग-अलग है. हम लोग सुचिता की बात करते हैं. लेकिन लालू शासनकाल में अपहरण काल था. बिहार के सैकड़े डॉक्टरों का अपहरण हुआ था. कितनों ने पलायन भी किया था. व्यवसायी वर्ग का क्या हाल था. शासन व्यवस्था को लेकर जदयू एक लिस्ट जारी करेगी.
'चुनाव से पहले बिखर जाएगी महागठबंधन'
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि महागठबंधन के लोग ही तेजस्वी को नेता मानने को तैयार नहीं है. नीतीश कुमार के कामकाज से बिहार की जनता प्रभावित हुई है. विपक्षी दल के कई नेता भी नीतीश कुमार की कार्यशैली से प्रभावित हैं. चुनाव से पहले आरजेडी और कांग्रेस का एक बड़ा धरा जदयू में शामिल हो जाएगा. अशोक चौधरी यहीं नहीं रुके यह भी कहा कि हमारी पार्टी शासन में सुचिता की बात करती है. विपक्ष और हमलोगों की विचारधारा में अंतर है.
चुनाव को लेकर शुरू हुआ वार-पलटवार
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने लगी है. जहां एक ओर लालू कुनबा लगातार ट्वीट कर सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही है. वहीं, जदयू के तरफ से मंत्री से लेकर पार्टी प्रवक्ता ने मोर्चा खोल रखा है. बता दें कि गुरूवार को लालू यादव का जन्मदिन है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने पिता लालू यादव से मिलने के लिए रांची स्थित रिम्स भी गए थे. जहां उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव गरीबों के मसीहा हैं. हमें उनसे प्रेरणा मिलती है.