पटना:14 सूत्री मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने इनकम टैक्स गोलंबर के पास सड़क को जाम किया और धरना पर बैठ गईं. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी-अपनी हाथों से चूड़ियां निकालकर अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में पहुंचीं आशा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन: बता दें कि आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन डाकबंगला चौराहे पर होना था, लेकिन पुलिस प्रशासन ने आशा कार्यकर्ताओं को वहां से हटा दिया. जिसके बाद आशा कार्यकर्ताओं ने इनकम टैक्स गोलंबर के पास पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया. आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. पहले 9 सूत्री मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था. अब 14 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है.
14 सूत्री मांग: आशा कार्यकर्ताओं की मांगों में मुख्य रूप से नियमित करने की मांग है. दूसरी मांग 25000 हजार मानदेय करने की है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान एटक महासचिव अजय कुमार ने कहा कि आज का प्रदर्शन आशा एवं आशा फैसिलिटेट के संयुक्त आह्वान पर किया गया है.
"संयुक्त रूप से हमारी तीन मांगें हैं. पहली मांग है कि हमारी सेवा को नियमित किया जाए. न्यूनतम वेतन ₹25000 किया जाए और प्रोत्साहन राशि दी जाए. कोरोना संक्रमण काल में जब लोग एक दूसरे से नहीं मिलते थे, तब आशा कार्यकर्ताओं ने जो काम किया उसको लेकर केंद्र की सरकार और बिहार सरकार ने वेतन के साथ-साथ प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी, लेकिन यह जुमला हो गया."-अजय कुमार, एटक महासचिव
स्वास्थ्य विभाग में स्थायी नियुक्ति की मांग: एटक महासचिव ने कहा कि केंद्र सरकार की इस घोषणा से हम लोग असंतुष्ट हैं और राज्य सरकार की नीतियों से हम व्याकुल हैं. इसी को लेकर के प्रदर्शन किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग में जो रिक्त पद हैं, हमारे कार्य को देखते हुए स्वास्थ विभाग में स्थाई रूप से बहाल किया जाए. अगर मांगे पूरी नहीं होती है तो आगे लड़ाई जारी रहेगी.
11 अगस्त से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन:वहीं आशा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अल्टीमेटम भी दिया है. कहा गया है कि 14 सूत्री मांगों पर विचार किया जाे नहीं तो 11 अगस्त से अनिश्चितकाल के लिए आमरण अनशन पर बैठेंगे. जब तक मांग पूरी नहीं होती संघर्ष जारी रहेगा.