पटना: बिहार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में ललित कला विषय को शामिल नहीं किए जाने से कला क्षेत्र के छात्र हताश हैं. पटना कला एवं शिल्प महाविद्यालय के एक छात्र ने सरकार से रोजगार को लेकर गुहार लगाने के लिए भी अपनी कला का ही सहारा लिया.
तस्वीर के माध्यम से गुहार
फाइनल ईयर के छात्र अश्विनी आनंद ने एक तस्वीर बनाई है. जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक हाथ में उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह है. दूसरे हाथ पर गणित, विज्ञान और हिंदी के शिक्षक बैठे हुए है और उस हाथ की हथेली पर एक कंप्यूटर रखा गया है. जबकी कला के छात्र को उनके पैरों पर गिरगिरे दर्शाया गया है.
'कला को नहीं दिया जा रहा बढ़ावा'
अश्विनी आनंद ने कहा कि तस्वीर के माध्यम से सरकार के भेदभाव पूर्ण रवैये को दर्शाने की कोशिश की गई है. सरकार स्कूलों में तमाम विषयों की पढ़ाई करवा रही है. इसके लिए शिक्षकों की बहाली भी निकाली जा रही है. लेकिन स्कूलों में ना तो कला को बढ़ावा दिया जा रहा है और ना ही उसके लिए शिक्षकों की बहाली हो रही है.
'सरकार कर ही भेदभाव'
कला के छात्र चिन्मय ने कहा कि उन्हें डिग्री तो मिल जाएगी. लेकिन उस डिग्री का क्या करेंगे. प्रदेश में कला के छात्रों के लिए अवसर नहीं है. सरकार भी भेदभाव कर रही है. उन्होंने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास के लिए कला की पढ़ाई जरूरी है. सरकार को स्कूलों में कला के शिक्षकों की बहाली करनी चाहिए.