पटना: बीते दिनों बिहार के कलाकारों ने अपनी समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया था. उन्होंने सरकार से मांग की थी कि उनकी मदद के लिए डेटाबेस तैयार किया जाए. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. ईटीवी भारत की खबर के बाद बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग के संज्ञान में मामला सामने आया. जिसके बाद मंत्री विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार ने अन्य राज्यों की ही तरह बिहार में भी कलाकारों का डेटाबेस तैयार करने के आदेश दिए.
डेटाबेस बनाने का निर्देश
मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि अन्य राज्यों की ही तरह बिहार में भी कलाकारों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा. फिलहाल बिहार में कलाकारों का कोई डेटाबेस नहीं है. इसलिए विभाग ने संचिका मंगा कर कला संस्कृति विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि बिहार में भी कलाकारों का डेटा बेस तैयार हो और इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई. जल्द ही कलाकारों का डेटाबेस तैयार हो जाएगा. कलाकरों की मदद के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल का निर्माण कराया जाएगा. साइट पर कलाकारों को खुद से अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा.
'विवरण के साथ देने होगा प्रमाण पत्र'
प्रमोद कुमार ने बताया कि ऑनलाइन कार्य पूर्ण तरीके से पारदर्शी होगा. बिहार का कोई भी कलाकरा नहीं छूटे. इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है. अलग-अलग स्तर के कलाकार खुद से अपना रजिस्ट्रेशन कराएंगें. रजिस्ट्रेशन के वक्त पूर्व कार्यक्रमों का विवरण प्रमाण पत्र देना होगा.
'जल्द शुरू होगी प्रक्रिया'
इस मामले पर कला संस्कृति विभाग के निदेशक अनिमेष प्रसाद ने बताया कि विभाग की ओर से मिले निर्देश के बाद इस पर कार्य शुरू हो चुका है. कलाकारों के डेटाबेस में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाएगी. कलाकारों के लिए पोर्टल में रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध रहेगी. डाटाबेस तैयार होने के बाद कलाकारों को सरकार मदद लेने में काफी सुविधा होगी. भविष्य में कोई भी कार्यक्रम आयोजित होने पर डेटाबेस से काफी सुविधा मिलेगी. कलाकारों को पहले खुद से अपना रजिस्ट्रेशन करनी होगी. कलाकार वेबसाइट पर जाकर स्टेप बाय स्टेप अपना सभी विवरण को भरेंगें. जिसके बाद जरूरत पड़ने पर वेरिफिकेशन भी किया जाएगा. जल्द ही पोर्टल को तैयार कर लिया जाएगा.
क्या है मामला
दरअसल, बिहार में कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार ने कलाकारों के लिए कलाकार प्रोत्साहन नीति बनाई है. इसके तहत सभी को अपनी प्रस्तुति देकर विभाग की वेबसाइट पर भेजने को कहा था. पूर्व आदेश के अनुसार उन्हें उसी प्रकार प्रोत्साहन राशि भी सीधे उनके खाते में भेजी जानी थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका था. जिसके बाद कलाकारों ने विरोध करते हुए प्रेमचंद रंगशाला के पास विरोध-प्रदर्शन की थी.