पटनाःगर्म मिजाज होने के आधार पर एक व्यक्ति का आर्म्स लाइसेंस आवेदन रद्द किये जाने के मामले पर चीफ जस्टिस एपी शाही की खंडपीठ ने सुनवाई की. मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को इस मामले पर उन्हें जमकर फटकार लगाई थी और पूछा था कि उन पर कितना जुर्माना लगाया जाए. आज सुनवाई के दौरान अपने कृत्य के लिए अधिकारियों ने कोर्ट में माफी मांगी, जिसके बाद कोर्ट ने उन पर जुर्माना नहीं लगाया.
आर्म्स लाइसेंस आवेदन रद्द किए जाने के एक मामले में पुलिस अधिकारियों ने हाईकोर्ट से मांगी माफी
लाइसेंसिंग अधिकारी ने थाने से आवेदक के चरित्र के बारे में जानकारी मांगी थी. जिस पर पुलिस वालों ने जानकारी दी कि बंदूक का लाइसेंस आवेदक को इसलिए नहीं दिया जा सकता, क्योंकि आवेदक गर्म मिजाज का है.
डीएम को दिया जांच का निर्देश
चीफ़ जस्टिस एपी शाही की खंडपीठ ने शिकायतकर्ता मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना के डीएम को 15 दिनों के अंदर आर्म्स लाइसेंस पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. मंगलवार को सुनवाई करते हुए फुलवारीशरीफ के एसआई धर्मेंद्र कुमार व एएसआई दीप लाल पासवान को हाईकोर्ट ने 24 घंटे के अंदर बताने को कहा था कि उन पर कितना जुर्माना ठोका जाए. इस मामले पर आज दोबारा सुनवाई हुई. जहां अधिकारियों ने शपथ पत्र दायर कर अपने कृत्य के लिए कोर्ट से क्षमा मांगी.
पुलिस अधिकारियों को कोर्ट ने लगाई थी फटकार
मालूम हो कि फुलवारीशरीफ के रहने वाले मुकेश कुमार ने लाइसेंसिंग अधिकारी के यहां आवेदन दिया था कि उनके पिता अखिलेश्वर प्रसाद बूढ़े हो चुके हैं. वे दो-नाली बंदूक को संभालने में असमर्थ हो गए हैं. इसीलिए उनके नाम पर जारी आर्म्स लाइसेंस मेरे नाम पर किया जाए. लाइसेंसिंग अधिकारी ने थाने से आवेदक के चरित्र के बारे में जानकारी मांगी थी. जिस पर पुलिस वालों ने जानकारी दी कि बंदूक का लाइसेंस आवेदक को इसलिए नहीं दिया जा सकता, क्योंकि आवेदक गर्म मिजाज का है. इसी मामले पर कोर्ट ने दोनों पुलिस अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी.