पटना: जिले के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र स्थित निजी अस्पताल से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. बिल ना चुका पाने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे को बंधक बना लिया है. बेटे की रिहाई के लिए पिता घंटों तक हॉस्पिटल के गेट पर गिड़गिड़ाता रहा. लेकिन, प्रबंधन ने उसके बेटे को नहीं छोड़ा.
पूरा मामला
पीड़ित परिवार बेतिया के बगहा गांव के रहने वाला है. दरअसल, पीड़ित पिता नंद किशोर प्रसाद पेशे से शिक्षक है. उनका 15 वर्षीय बेटा 23 मई को छत से गिर गया. आनन-फानन में पिता ने बेतिया में उसका प्राथमिक इलाज करवाया. बाद में 24 मई को पटना के कुम्हरार स्थित जिटीएस अस्पताल में उसे भर्ती करवाया गया. कम पैसे में इलाज का हवाला देकर एक दलाल ने नंदकिशोर को वहां से हनुमान नगर स्थित गैलेक्सी हॉस्पिटल पहुंचा दिया.
आयुष्मान भारत कार्ड को झूठलाया
बेटे का इलाज कम खर्च में हो जाने की बात सुन पिता उसे गैलेक्सी अस्पताल ले गया. जहां अस्पताल ने 4 लाख का बिल थमा दिया. नंद किशोर ने गैलेक्सी हॉस्पिटल पर आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन ने बेटे का नाम काटने की बात पर साढ़े चार लाख रुपये की मांग की.. जब उन्होंने प्रधानमंत्री की आयुष्मान भारत योजना के तहत बना स्वास्थ्य कार्ड दिखलाया, तो प्रबंधन ने उसे भी फाड़कर फेंक देने की बात कही.
बच्चे का आयुष्मान भारत योजना कार्ड पुलिस के हस्तक्षेप के बावजूद नहीं माना प्रबंधन
पीड़ित पिता नंद किशोर ने जब इतने पैसे देने में असमर्थता जाहिर की तो अस्पताल प्रशासन ने उसके बेटे को बंदी बना लिया. साथ ही उसके बच्चे को कचड़े में फेंकने की बात कही. नंद किशोर का बेटा पिछले 24 मई से अस्पताल में भर्ती है. बाद में इस घटना से आहत नंदकिशोर ने अस्पताल के मुख्यद्वार पर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे की सूचना मिलते ही पत्रकार नगर थाने की पुलिस हॉस्पिटल पहुंची. हालांकि हॉस्पिटल प्रबंधन ने पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी बच्चे को डिस्चार्ज नहीं किया.