पटनाः बिहार में आज से शुरू हो रही जातीय जनगणनाको तेजस्वी यादव ने ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि आज बहुत ही ऐतिहासिक काम की शुरुआत (Cast Census start In Bihar) होने जा रही है. इसकी मांग आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पहले से ही करते रहे हैं. उसको लेकर हम लोग सड़क पर भी उतरे थे. मनमोहन सिंह की सरकार ने जाति जनगणना पर सर्वे भी कराया था लेकिन बीजेपी ने इसके डेटा को भ्रष्ट बता दिया था. असल में बीजेपी गरीब विरोधी (BJP Do Not Want Caste Census) है. ये लोग नहीं चाहते कि जाति जनगणना हो.
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"आज एक ऐतिहासिक काम की शुरुआत हो रही है. इसके लिए हमलोग सड़क पर भी उतरे थे. लालू यादव ने तो शुरू से इसकी मांग की है. मनमोहन जी की सरकार में जाति जनगणना सर्वे हुआ भी, लेकिन बीजेपी ने इसके डेटा को भ्रष्ट बता दिया. ये लोग नहीं चाहते कि जाति जनगणना हो. अब आज से इसकी शुरुआत हो रही है, इससे सही डेटा आएगा तो हम उसी हिसाब से बजट का स्वरूप तैयार करेंगे और कल्याणकारी योजना बनेगी": तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
जातीय जनगणना की थी मांगःजातीय जनगणना की जरूरत को देखते हुए बिहार सरकार द्वारा विधानसभा में इसके पक्ष में 2018 और 2019 में दो सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किए गए. इसके बाद जून 2022 में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षा में एक सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से इसे आगे बढ़ाया गया. बिहार सरकार का कहना है कि गैर-एससी और गैर एसटी से संबंधित आंकड़ों के अभाव में अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या का सही तरीके से आकलन करना मुश्किल है. वहीं, जनगणना की मांग करने वाले लोगों का भी कहना है कि कोटा को संशोधित करने के लिए जाति आधारित जनगणना की सख्त जरूरत है.
जनगणना की सभी तैयारियां पूरीः आपको बता दें कि जिला स्तर पर जातीय जनगणना की सभी तैयारियां पूरी हो गईं है और आज से जनगणना शुरू हो जाएगी. आज से पहले चरण के तहत सभी गणनाकर्मी अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर पहुंच कर मकान का सूचीकरण करेंगे. जनगणना कर्मियों में शिक्षक, आंगनबाड़ी, मनरेगा और जीविका कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है. जिला स्तर पर डीएम इसके नोडेल पदाधिकारी होंगे. जिला पदाधिकारी ग्राम स्तर, पंचायत स्तर और उच्च स्तरों पर विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों की सेवा ले सकेंगे.