पटना में पुनपुन 10+2 आंबेडकर आवासीय छात्रावास की स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन पटनाः बिहार के पटना में पुनपुन 10+2 आंबेडकर आवासीय छात्रावास की स्थापना दिवस मनाया गया. इस दौरान अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन (Minister Santosh Kumar Suman) ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि सरकार छात्र-छात्राओं को मुफ्त में शिक्षा देने के लिए अंबेडकर आवासीय विद्यालय की स्थापना की है. शिक्षा के क्षेत्र में यह विद्यालय अग्रणी है. समाज के सबसे अंतिम पायदान में रहने वाले बच्चे जो शिक्षा से महरूम हैं. कमजोर वर्ग से आते हैं, उन्हें शिक्षा उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी हमारी सरकार की है. सरकार हर जिले में आंबेडकर आवासीय विद्यालय की स्थापना कर रही है.
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40 जगह पर स्कूल बन रहेःमंत्री ने बताया कि इसके लिए कई जगहों पर बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. 40 जगह पर स्कूल बनाए जा रहे हैं. साथ ही 136 छात्रावास भी बनाया जाएगा, जिसको लेकर युद्धस्तर पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि सुशासन सरकार की स्थापना के बाद वर्ष 2008 में राज्य में सुविधा विहीन संसाधन के तहत 16000 अनुसूचित जाति की बालिकाओं को आवासीय विद्यालय में शिक्षा दी जा रही थी, लेकिन 2011 के बाद से अब हर जगह पर बालिका आवासीय विद्यालय खोला जा रहा है. जहां 30,000 से अधिक बच्चियां समुचित शिक्षा दी जा रही हैं.
तीन लाख से अधिक छात्राओं को मिलेगी शिक्षाः केंद्र सरकार की ओर से पर्याप्त राशि उपलब्ध हो जाए तो आंध्र प्रदेश एवं उड़ीसा की तुलना में प्रत्येक प्रखंडों में आवासीय विद्यालय खोला जाएगा, जिसमें तीन लाख से अधिक छात्राओं को शिक्षा प्रदान कराई जाएगी. फुलवारी विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि हर इंसान को भगवान ने बराबर बनाया है. इसे जमीन पर भले उसे वर्ग में विभाजित कर दिया गया है, लेकिन हम छात्रों को बताना चाहते हैं कि वह किसी भी तरह से मानसिक तौर पर बीमार नहीं हो. वह अपने आप को किसी से कम नहीं समझे. शिक्षा की बदौलत कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में अपना जलवा बिखेर सकते हैं.
"अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास का स्थापना दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. यहां का माहौल बहुत ही अच्छा है. सरकार का प्रयास है कि हर तबकों के बच्चों को शिक्षा दें ताकि सभी समाज में अपना नाम करें. इस तरह का विद्यालय पूरे बिहार में चल रहा है. हमारी प्राथमिकता है कि यहां ज्यादा से ज्यादा बच्चे पढ़ें. इसके लिए हमलोग लगातार प्रयास कर रहे हैं."-संतोष कुमार सुमन, मंत्री, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग