पटना: देश में आज डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है. वहीं राज्य में सरकार के रवैये से कई स्वास्थ्य कर्मी नाराज चल रहे हैं. राज्य की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की एएनएम और फार्मासिस्ट मानदेय में बढ़ोतरी की मांग को लेकर 29 जून से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं हड़ताल के 3 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से इनसे वार्ता को लेकर कोई सार्थक पहल नहीं की गयी. बुधवार को आरबीएसके के एएनएम और फार्मासिस्ट का एक प्रतिनिधि मंडल धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगने जिला नियंत्रण कक्ष पहुंचे.
नहीं मिली धरना करने की अनुमति
बता दें कि राज्य में 1500 आरबीएसके के एएनएम और फार्मासिस्ट हैं. इसमें 550 की संख्या में फार्मासिस्ट हैं और अन्य एएनएम हैं. बुधवार को आरबीएसके के एएनएम और फार्मासिस्ट का एक प्रतिनिधि मंडल धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगने जिला नियंत्रण कक्ष पहुंचा. जहां उन्हें बताया गया कि अनलॉक-टू में 31 जुलाई तक किसी प्रकार के धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. इस कारण उन्हें अनुमति नहीं दी जाएगी.
मिले उचित मानदेय
अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव राजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि आरबीएसके के फार्मासिस्ट एएनएम और आयुष चिकित्सकों कि एक साथ बहाली हुई थी. इसमें आयुष चिकित्सकों का मानदेय बढ़ाकर एलोपैथ के बराबर कर दिया गया. मगर उन लोगों का मानदेय नहीं बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में फार्मासिस्ट का मानदेय 37,000 और एएनएम का 35,000 है. उनकी मांग है कि उन्हें उनका उचित मानदेय दिया जाए. बता दें कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की एएनएम का वेतन 10,500 और फार्मासिस्ट का 11,000 रुपया है.