पटना:कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. इस लॉक डाउन की स्थिति में पशुपालकों को अपने मवेशियों के लिए चारा जुटाने में काफी जद्दोजहद करना पड़ रही है. बाजार में मवेशियों के चारे, कुट्टी, भूसा, चोकर, दाना काफी महंगे बिक रहे हैं. ऐसे में छोटे पशुपालकों को अपने खटाल से कोसों दूर दियारा इलाके में जाकर अपने चारा काट कर किसी तरह अपनी आश्रितों का पेट पालना पड़ रहा है.
LOCKDOWN EFFECTS: इंसान के साथ बेजुबान भी झेल रहे कोरोना की मार, नहीं मिल रहा खाना
कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन की मार इंसानों के साथ-साथ पशुओं को भी झेलनी पड़ रही है. मौजूदा समय में पशुपालकों के लिए पशुओं के चारे का इंतजाम कर पाना मुश्किल हो गया है.
पशुपालकों ने सुनाया दर्द
कुर्जी इलाके में खटाल चलाने वाले हरेंद्र राय ने बताया कि लॉकडाउन से उनकी परेशानियां बहुत बढ़ गई हैं. उन्होंने बताया कि भूसा पहले से काफी महंगा हो गया है. पशुओं के चारे का इंतजाम करने के लिए दिनभर दियारा में घास काट कर शाम को लौट रहे हैं. उन्होंने रुआंसी आवाज में कहा कि पशुओं को जिंदा रखने के लिए उनके चारे का कुछ ना कुछ उपाय तो करना पड़ेगा. वहीं, गंगा के दियारा इलाके से ही चारा काटकर लौट रहे पशुपालक विसर्जन राय ने बताया कि पहले भूसा 8 से 10 रुपये प्रति किलो मिलता था. लॉकडाउन में वह 25 रुपये किलो बिक रहा है. ऐसे में दियारा इलाका ही सहारा है.
लॉकडाउन से बढ़ी परेशानी
लॉक डाउन का असर हर किसी के जीवन पर पड़ रहा है. हर कोई किसी न किसी तरह की परेशानी झेल रहा है. वहीं, इसकी वजह से बेजुबान जानवर भी भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. ऐसे में कुछ समाजसेविओं की ओर से बेजुबान जानवरों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही जिन जानवरों को स्वास्थ्य समस्याएं हैं उनको वेटनरी डॉक्टर से इलाज भी करा रहे हैं.