पटना: राजधानी के बिक्रम प्रखंड अन्तर्गन्त शाहजहांपुर गांव के उत्क्रमित विद्यालय में उग्र ग्रामीणों ने 8 दिनों से विद्यालय में तालाबंद कर दिया है. साथ ही शिक्षकों के खिलाफ विभागीय अधिकारी से जांच कराने की मांग कर रहे हैं. वहीं, अभिभावकों ने विद्यालय शिक्षा समिति चुनाव को भी भंग कर दोबारा चुनाव कराने का मांग की है.
तीन क्लास में होती है छात्रों की पढ़ाई
विद्यालय शिक्षा समिति सचिव गीता देवी ने बताया कि विद्यालय में क्लास रूम का अभाव है. पहले वर्ग से आठवें वर्ग तक की छात्रों की पढ़ाई होती है. विद्यालय में मात्र तीन क्लास रूम है. उन्होंने बताया कि विद्यालय में 174 छात्र हैं, जिनको पढ़ाने के लिए मात्र तीन शिक्षक ही हैं. इसलिए ग्रामीण अभिभावकों ने आक्रोशित होकर विद्यालय में तालाबंदी कर दी है.
आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यालय में किया तालाबंदी बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है
विद्यालय के शिक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि विद्यालय में अगस्त महीने में विद्यालय शिक्षा समिति का चुनाव हुआ था. उसी वक्त से चुनाव का विरोध हो रहा था. ग्रामीणों के विरोध के कारण आज तक विद्यालय का बैंक में खाता का निर्धारण नहीं हुआ है. जिससे बीते तीन महीने से बच्चों का मध्यान भोजन बंद है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन हम सभी शिक्षक विद्यालय आते हैं. विद्यालय का ताला नहीं खुलने से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है.
आतिश कुमार भगत, बिक्रम बीईओ 3 महीने से बच्चों का मध्यान भोजन बंद
वहीं, विद्यालय की रसोईया अरुणा देवी ने बताया कि 3 महीने से बच्चों का मध्यान भोजन बंद है. लेकिन हम सभी रसोईया प्रतिदिन विद्यालय आकर साफ-सफाई कर लौट जाते हैं. साथ ही बताया कि स्कूल से पैसा भी नहीं दिया जाता है.
मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया
बिक्रम बीईओ आतिश कुमार भगत ने बताया कि विद्यालय में शिक्षा समिति सचिव के पति के सहयोग से ग्रामीणों ने विद्यालय में ताला बंद कर दिया है. साथ ही कहा कि शिक्षकों की मांग को सहानुभूति पूर्वक पूरा करने का आश्वासन दिया गया है. भवन निर्माण करने के लिए जमीन उपलब्ध कराने को कहा गया है ,लेकिन ग्रामीणों ने विद्यालय में ताला नहीं खोला जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई पूर्ण रूप से ठप है.