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नीतीश के मन में था कि BJP वाले हार जाएं? - bihar assembly election

विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के दौरान बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) के बीच अंतर्विरोध था. चुनाव के दौरान ही इसकी पटकथा लिखी जा चुकी थी और अब प्लान के मुताबिक नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बीजेपी से अलग राह अख्तियार कर चुके हैं. नीतीश के स्टैंड से बीजेपी खेमे में बेचैनी बढ़ गई है. देखें रिपोर्ट...

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

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Published : Jul 11, 2021, 7:59 PM IST

Updated : Jul 11, 2021, 8:38 PM IST

पटना:बिहार विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में बागी नेताओं की भूमिका ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया था. उनकी वजह से बाजी किसी की भी ओर पलटी जा सकती थी. बात साफ है कि बागी नेता अधिक संख्या में चुनाव नहीं जीत सके, लेकिन उनकी वजह से बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) के कई उम्मीदवार चुनाव हार गए. बागी नेताओं को लेकर बीजेपी जहां सख्त है, वहीं जदयू ने ढुलमुल रवैया अपनाया हुआ है.

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विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू के 8 बागी उम्मीदवार बीजेपी प्रत्याशियों के खिलाफ दो-दो हाथ कर रहे थे. बैकुंठपुर से मिथिलेश तिवारी के खिलाफ मंजीत सिंह, औरंगाबाद के गोह से मनोज शर्मा के खिलाफ रणविजय सिंह, भभुआ से रिंकी पांडे के खिलाफ प्रमोद पटेल बागी होकर चुनाव लड़े थे. बागी नेताओं के खिलाफ नरम रुख के चलते बीजेपी के प्रत्याशी चुनाव हार गए और महज 6 महीने में ही तीनों नेताओं को जदयू ने तामझाम के साथ पार्टी में शामिल कराया और उपाध्यक्ष भी बना दिया.

देखें रिपोर्ट

तीनों नेताओं को जदयू में शामिल कराए जाने के बाद से बीजेपी नेताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है. बीजेपी उपाध्यक्ष और बैकुंठपुर के प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि ''मंजीत सिंह को जदयू ने ना ही चुनाव के दौरान पार्टी से निकाला था और ना ही उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया था. जदयू की पूरी इकाई बैकुंठपुर में उनके लिए काम कर रही थी. यहां तक कि मुख्यमंत्री बार-बार अनुरोध करने के बाद भी हमारे लिए चुनाव प्रचार में नहीं आए.''

गोह से बीजेपी प्रत्याशी मनोज शर्मा ने भी जदयू के मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. मनोज शर्मा ने कहा कि ''विधानसभा चुनाव के दौरान हमें सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ता और नेताओं का समर्थन मिला और उसी के बदौलत हम चुनाव लड़े, जिसके चलते हमारी हार हुई.''

''मेरे खिलाफ जदयू के बागी नेता प्रमोद पटेल चुनाव लड़ रहे थे. जदयू की पूरी इकाई प्रमोद पटेल के लिए काम कर रही थी. हमने नीतीश कुमार से कार्यक्रम के लिए कई बार अनुरोध किया, लेकिन उनका दौरा हमारे क्षेत्र में नहीं हुआ. जदयू ने प्रमोद पटेल को इनाम दिया और उन्हें उपाध्यक्ष बना दिया गया.''- रिंकी पांडे, भभुआ से बीजेपी प्रत्याशी

''जिन्हें आप बागी कह रहे हैं, वह मन से जदयू के साथ हैं. वह बागी कहां हैं, जब वह खुले मंच से नीतीश कुमार को पिता समान मान रहे हैं. परेशानी अब दूसरे लोगों के लिए हो गई है.''- नीरज कुमार, जदयू के मुख्य प्रवक्ता

''गठबंधन धर्म को लेकर जदयू (JDU) और बीजेपी (BJP) के बीच तल्खी बढ़ी है. बीजेपी ने तो अब तक गठबंधन धर्म का पालन किया है और किसी भी बागी को एंट्री नहीं दी है. दूसरी तरफ जदयू ने गठबंधन धर्म का ख्याल नहीं करते हुए बागियों को ना फिर वापस पार्टी में लाया, बल्कि उन्हें बड़े पद से भी नवाजा गया. जाहिर तौर पर नीतीश कुमार बीजेपी से अलग राह अख्तियार करने की ओर हैं.''- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

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Last Updated : Jul 11, 2021, 8:38 PM IST

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