पटना(पालीगंज):ओटीपी सिस्टम से पोषाहार वितरण का विरोध करते हुए बिक्रम प्रखंड की आंगनबाड़ी सेविकाओं ने सीडीपीओ कार्यालय का घेराव और प्रदर्शन किया. साथ ही इस सिस्टम को वापस लेने की मांग की.
आंगनबाड़ी सेविकाएं बिहार सरकार के पोषाहार वितरण के नए नियम को वापस लेने की मांग कर रहीं हैं. पटना से सटे बिक्रम प्रखंड अंतर्गत सीडीपीओ कार्यालय जोरदार प्रदर्शन किया. सरकार व सीडीपीओ के खिलाफ नारेबाज़ी कर पोषाहार वितरण की नई नियम ओटीपी को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की.
अक्टूबर माह से नहीं हो रहा पोषाहार का वितरण
आंगनबाड़ी सेविका संघ अध्यक्ष संजू कुमारी ने बताया कि सीडीपीओ श्वेता कुमारी आंगनबाड़ी सेविकाओं पर पोषाहार वितरण करने का जबरन दबाव बना रही हैं. जिसका हम सभी सेविका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह से सभी सेविकाओं ने लाभुकों को पोषाहार का वितरण नहीं किया है.
संघ की अध्यक्ष ने बताया कि जब तक सरकार पोषाहार वितरण के नये नियम ओटीपी को समाप्त नहीं करती है. तबतक हम सभी सेविका पोषाहार वितरण को बंद रखेंगी.
सेविका मंजू वर्मा ने बताया कि सरकार के द्वारा जो सेविकाओं को मोबाइल सिस्टम दिया गया था वह काफ़ी घटिया किस्म का है. जिससे काम करने में मुश्किलें हो रही हैं.
आंगनबाड़ी सेविका सहायिका महासंघ की बैठक
उधर बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका महासंघ की एक बैठक पटना में आयोजित की गई. बैठक में संगठन के विस्तार पर चर्चा की गई. साथ ही आगामी आंदोलन की भी रणनीति बनाई गई. आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ की राष्ट्रीय महासचिव ए आर सिंधु ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर हम देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे.
आने वाले बजट के अंदर आईसीडीएस आंगनबाड़ी वर्कर्स को स्थाई कर्मचारी घोषित करना है. न्यूनतम वेतन और पेंशन की मांग को लेकर सांसद का घेराव करेंगे और 22 जनवरी को देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे. अगर बजट के अंदर हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो पूरे देश में एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे.
ए आर सिंधु, राष्ट्रीय महासचिव, आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ 'गरीब लोगों को प्रताड़ित करना चाहती है सरकार'
वहीं, ए आर सिंधु ने कहा कि बिहार के अंदर जो कुपोषित बच्चे हैं जिन्हें पोषाहार दिया जाता था उन्हें अब मनी ट्रांसफर किया जा रहा. लोगों के मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से लिंक करके ओटीपी पासवर्ड मिलने के बाद राशन वितरित किया जाएगा.
बिना ओटीपी के राशन नहीं दिया जाएगा. जो गरीब लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है. सरकार इस नीति के जरिए गरीब लोगों को प्रताड़ित करना चाहती है. हमने यह फैसला लिया है कि इस ओटीपी सिस्टम का हम बहिष्कार करेंगे हम ना तो इसकी ट्रेनिंग लेंगे और ना ही उसको लागू होने देंगे.