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अनंत चतुर्दशी की धूम, लोग भगवान विष्णु की करते हैं विशेष पूजा - अनंत डोरा

भाद्रपक्ष के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को हर साल अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है. अनंत पूजा का अर्थ होता है जिसका न तो आदि हो और न ही अंत. वहीं, हिंदु धर्म में भगवान विष्णु का ही दूसरा नाम अनंत है.

अनंत चतुर्दशी पर्व

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Published : Sep 12, 2019, 2:38 PM IST

पटना: बिहार के साथ-साथ पूरे देश में गुरुवार को अनंत चतुर्दशी का व्रत पूरे विधि-विधान से किया गया. इसमें पूजा में भगवान विष्णु का विशेष पूजन किया जाता है. वहीं, इसको लेकर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में पूजा को लेकर गुरुवार की सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही.

बाजारो में रही रौनक

14 रुपों में प्रकट हुए थे भगवान अनंत
राजधानी में गुरुवार को अनंत पूजा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु की आराधना की. वहीं सबने अपने परिवार की कुशल जीवन की कामना की. आपको बता दें कि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है. अनंत की पूजा करने के बाद भक्त अपने हाथों पर लाल और सफेद रंग का अनंत सूत्र बांधते हैं. बताया जाता है कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल से अनंत चतुर्दशी व्रत करने की परंपरा शुरु हुई. मान्यता है कि भगवान विष्णु सृष्टि की शुरुआत में 14 लोगों का पालन और रक्षा करने के लिए 14 रूपों में प्रकट हुए थे.

पुजारी से कथा सुनते लोग
भगवान विष्णु की है ये पूजा भाद्रपक्ष के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को हर साल अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है. अनंत पूजा का अर्थ होता है जिसका ना तो आदि हो और ना ही अंत. वहीं हिंदु धर्म में भगवान विष्णु का ही दूसरा नाम अनंत है. इस पूजा को करने वाले श्रद्धालु नमक का सेवन नहीं करते हैं. इस दिन पूरे वैदिक मंत्रों के साथ सभी विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं. कहा जाता है कि इस पूजा को करने से भगवान विष्णु मनोवांछित फल देतें हैं.
भक्तों ने किया भगवान विष्णु का पूजन

हाथों पर बांधा जाता है अनंत धागा
ऐसा ही कुछ माहौल जमुई में भी देखने को मिला. यहां भी गुरुवार को अनंत चतुदर्शी की धूम रही. बाजारों से लेकर मंदिरों तक केवल भीड़ देखने को मिली. सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर में पहुंचकर पूजा अर्चना करने लगे. पूजा में बच्चे, बूढ़े, जवान और पुरूष-महिलाएं शामिल हुए. पूजा में फल-फूल, पान-सुपाड़ी, रौली, चंदन, धूप, अगरबत्ती, मिठाई इत्यादि तो लगता ही है साथ ही अनंत भगवान की पूजा में डंटी लगा खीरा और कच्चा सूता या रेशम के सूता का अनंत डोरा भी रखा गया. लोग मंदिर में गोला बनाकर बैठ गए और पुजारी ने सभी को अनंत विष्णु की कथा सुनाई. वहीं पूजा के अंत में भक्त लोगों ने अपने हाथों पर अनंत सूत्र बंधवाकर पूजा की समाप्ति की.

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