पटना:कोरोना संक्रमण के दौरान डॉक्टरों की भुमिका को सभी सराहा है. संक्रमण के पहले वेव के दौरान डॉक्टरों की हौसला अफजाई के लिए सरकार ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए थे. केंद्र सरकार ने घोषणा भी की थी कि ड्यूटी के दौरान कोरोना से जिन चिकित्सकों की मौत होंगी, उनके परिजनों को 50 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी. वहीं, राज्य सरकार ने भी चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी.
अब लगता है कि यह सिर्फ घोषणा ही है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अब तक 130 से अधिक चिकित्सकों ने दम तोड़ा है. मगर केंद्र सरकार से मिलने वाली 50 लाख रुपए की सहायता राशि सिर्फ 4 चिकित्सकों के परिजनों को ही उपलब्ध हो पाई है. इनमें डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉक्टर रती रमन झा, डॉक्टर नरेंद्र कुमार सिंह और डॉक्टर उमेश्वर प्रसाद वर्मा के परिजन शामिल हैं. ऐसे में अधिकांश डॉक्टरों के परिजनों के सामने परिवार और बच्चों की देखभाल और नियमित आजीविका को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.
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42 डॉक्टरों की गई थी जान
कोरोना संक्रमण के पहले वेब में जहां 42 चिकित्सकों की जान गई थी, वहीं दूसरी लहर में वैक्सीन का दोनों डोज लेने के बावजूद 90 से अधिक चिकित्सकों की अब तक जान जा चुकी है. चिकित्सक ड्यूटी के दौरान लगातार संक्रमित हो रहे हैं और कईयों की मौतें भी हो रही हैं मगर सरकार की तरफ से उनके परिजनों को कोई सहायता राशि नहीं उपलब्ध कराई जा रही.