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अक्षय नवमी पर महिलाओं ने की आंवला वृक्ष की पूजा, आज के दिन गुप्त दान का होता है खास महत्व - कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष

Akshay Navami 2023: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर अक्षय नवमी मनाई जाती है. राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के विभिन्न इलाकों में अक्षय नवमी पर महिलाओं ने आंवले के वृक्ष की पूजा अर्चना की. साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से सुख, समृद्धि की कामना की. आगे पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 21, 2023, 11:47 AM IST

अक्षय नवमी पर महिलाओं ने की पूजा

मसौढ़ी:कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर अक्षय नवमी मनाई जाती है. राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के विभिन्न जगहों पर महिलाओं ने आंवले के वृक्ष की पूजा की. ऋग्वेद में बताया गया है कि इसी दिन से सतयुग आरंभ हुआ था, इसलिए इस दिन व्रत, पूजा और तर्पण का विशेष महत्व माना जाता है. आंवला नवमी को लेकर माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन गोकुल की गलियां छोड़कर मथुरा प्रस्थान किया था. इस दिन से वृंदावन की परिक्रमा भी आरंभ हो जाती है.

कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि


आज के दिन पूजा करने का है खास महत्व: अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष में भगवान श्री विष्णु का वास होता है. अक्षय नवमी के दिन आंवला की पूजा करने से सुख, संपन्नता, सफलता और उत्तम सेहत का वरदान मिलता है. श्री राम जानकी ठाकुरवाड़ी मंदिर के पुजारी गोपाल पांडे ने कहा कि आंवला पूजा के दिन आंवले के पेड़ में अक्षय नवमी से लेकर देव उत्थान तक श्री हरि विष्णु का वास होता है. अक्षय नवमी पर आंवले के वृक्ष के नीचे सभी महिलाएं पूजा अर्चना कर भतुआ के रूप में गुप्त दान करती हैं.

अक्षय नवमी पर आंवले के वृक्ष की पूजा

आंवला खाने से होता कई लाभ: आज के दिन किए गए गुप्त दान का कभी क्षय नहीं होता है इसलिए इसे अक्षय नवमी कहा जाता है. आयुर्वेदिक महत्व के अलावा आंवाले का धार्मिक महत्व भी है. आंवला को अमरता का फल भी कहा जाता है. इस दिन आंवाले का सेवन करने से सेहत का वरदान मिलता है. कहते हैं कि आंवला के वृक्ष के नीचे भोजन करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.

"इस दिन अवल के वृक्ष के पास विशेष तरह की पूजा उपासना की जाती है और अक्षय नवमी की कथा सुनने की परंपरा है. अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष में भगवान श्री विष्णु का वास होता है."-गोपाल पांडे, श्री राम जानकी ठाकुरवाड़ी मंदिर, मसौढ़ी

आज के दिन का है खास महत्व
आंवले के वृक्ष की होती है पूजा:बताया जाता है कि अक्षय नवमी के दिन ही श्री हरि विष्णु ने कुष्मांडा नामक दैत्य का वध किया था. उसे दिन से अक्षय नवमी का महत्व और भी बढ़ जाता है.वहीं पूरे मसौढ़ी में अक्षय नवमी पर महिलाओं में इसकी धूम मची है और आंवले की वृक्ष की पूजा की जा रही है. श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा, अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं.

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