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Amit Shah Bihar visit: नीतीश सरकार ने जाति गणना रिपोर्ट जारी कर बीजेपी को दिया था 'शह', गृहमंत्री ने किया बचाव

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 5 नवंबर को बिहार दौरे पर मुजफ्फरपुर आए थे. उनका यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा था कि जाति गणना की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद से महागठबंधन नेता इसे भुनाने की कोशिश में जुटे थे. मुजफ्फरपुर दौरे के दौरान अमित शाह ने महागठबंधन के इस चक्रव्यूह को तोड़ने का प्रयास किया. मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर भी गृह मंत्री महागठबंधन पर हमलावर दिखे.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 5, 2023, 9:27 PM IST

अमित शाह का बिहार दौरा

पटना: भाजपा के चाणक्य अमित शाह ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पिच तैयार कर दी. मुजफ्फरपुर में गृह मंत्री ने लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार पर सिलसिलेवार तरीके से हमला किया. अमित शाह की नजर 83% हिंदू वोट बैंक पर थी. अमित शाह ने भाषण के शुरुआत लोक आस्था के महान पर्व छठ से की. गृह मंत्री ने बिहार की जनता को छठ महापर्व की अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि "छठ का उत्साह लोगों में अभी से ही देखने को मिल रहा है. मैं छठी मईया से प्रार्थना करता हूं कि बिहार जल्द ही जंगलराज और पलटूराम से मुक्त हो."


जाति गणना में गड़बड़ी के आरोपः जातिगत गणना की रिपोर्ट को लेकर महागठबंधन के नेता आक्रामक हैं. लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाना चाहते हैं. गृह मंत्री ने जातिगत गणना रिपोर्ट को लेकर महागठबंधन द्वारा किये जा रहे दावे की हवा निकालने की कोशिश. जातिगत गणना के जरिए महागठबंधन जहां अगड़ी पिछड़ी की राजनीति करना चाहते थे. महागठबंधन नेताओं की मंशा भाजपा को अगड़ी जाति (12 %)के ईद गिर्द समेटने की थी. गृह मंत्री ने जातिगत गणना की रिपोर्ट पर भी महागठबंधन को घेरा.

पिछड़ों की संख्या कम करके दिखायाः अमित शाह ने कहा कि "लालू यादव और नीतीश कुमार ने जातिगत सर्वे में तुष्टिकरण की राजनीति की है. पिछड़ों अति पिछड़ों के साथ अन्याय किया गया है. उनकी संख्या को कम कर दिखाया गया है." गृह मंत्री ने कहा कि मुसलमान और यादवों की संख्या अधिक करके दिखाई गई, जिससे पिछड़ों आई पिछड़ों के हितों का नुकसान हुआ. इस बयान के जरिए अमित शाह ने 63% वोट बैंक को साधने की कोशिश की. साथ ही गृह मंत्री ने केंद्र की उपलब्धियां को भी बताया पिछड़ों के लिए केंद्र सरकार ने जो कुछ किया उसकी रूपरेखा भी पेश की गई.


विधि व्यवस्था पर सरकार को घेराः रोजगार के मसले पर महागठबंधन नेता पीठ थपथपा रहे थे. अमित शाह ने कहा कि 10 लाख सरकारी नौकरी का दवा फेल हुआ और नौकरी मांगने पर युवाओं पर लाठियां बरसाई जाती है. विधि व्यवस्था के मसले पर गृह मंत्री ने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को घेरा. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि "पूरा बिहार गैंगवार का अड्डा बन चुका है. हर रोज अपहरण होने लगे हैं. नीतीश कुमार ने बिहार में जंगल राज लाने का काम किया है."

नीतीश पर चुटकी लीः अमित शाह ने इंडिया गठबंधन को भी कटघरे में खड़ा किया. नीतीश कुमार को गठबंधन में सम्मानित पद नहीं मिलने पर भी चुटकी ली. कहा कि "नीतीश बाबू, तेल और पानी का मिलान नहीं हो सकता है. यह अलग-अलग ही रहते हैं. आगे देखिएगा लालू जी आपकी क्या गत करते हैं." गृह मंत्री ने कहा कि इंडिया गठबंधन वाले परिवार की दुकान चलाने वाले लोग हैं. एक को प्रधानमंत्री बनना है तो दूसरे को अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनना है.

नीतीश के पास विकल्प नहींः अमित शाह ने नीतीश कुमार के लिए लोकसभा चुनाव के पहले एनडीए में एंट्री को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी. कहा-"नीतीश बाबू प्रधानमंत्री पद की चाह छोड़ दो. इंडिया गठबंधन ने तो आपको संयोजक भी नहीं बनाया. आप कहीं के नहीं रहे. आप हर रोज छटपटा रहे हैं. लालू जी से निकलना चाहते हैं, लेकिन रास्ता नहीं बचा है. कभी कांग्रेस को गाली बोलते हैं तो कभी कार्यक्रम में नहीं जाते. अब आपके पास कोई रास्ता नहीं है."


नीतीश की यूएसपी पर प्रहारः राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने भाषण के जरिए महागठबंधन को घेरने की कोशिश की. एक और जहां नीतीश कुमार के लिए एनडीए के एंट्री को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी, वहीं पिछड़ा और अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने की कोशिश की. तुष्टीकरण के सियासत के बहाने हिंदू कार्ड भी अमित शाह ने खेला. नीतीश कुमार की जो यूएसपी थी उस पर भी अमित शाह ने प्रहार किया. नीतीश कुमार के लिए छटपटाहट वाली बात कह कर स्थिति स्पष्ट कर दी.

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