पटना: जहां एक तरफ नीतीश कुमार बिहार में पर्यावरण बचाने को लेकर पिछले दिनों सजग दिखे, वहीं दूसरी तरफ आज एक ऐसी तस्वीर सामने आई. जिसने नीतीश के प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया. बात पटना के इनकम टैक्स चौराहे की है, जहां नीतीश कुमार के काफिले के बीच एक एंबुलेंस फंस गई. अफसोस इस बात का था कि सीएम के काफिले ने जगह नहीं दी. जिसके बाद मीडिया कर्मियों ने बड़ी मुश्किल के बाद उस एंबुलेंस को बाहर निकलवाया.
महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल होने निकले थे CM
पूरा वाक्या उस वक्त का है जब मुख्यमंत्री नीतीश महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल होने अपने आवास से निकले थे. उस वक्त उनके काफिले को किल्यर रास्ता देने के लिए पूरे ट्रैफिक को रोका गया. उस जाम में एक एंबुलेंस भी इमरजेंसी की हालत में मरीज को लेकर फंसी रही लेकिन किसी भी सुरक्षाकर्मी या फिर पुलिसवाले की तरफ से उसे रास्ता नहीं दिया गया.
क्या कहता है नियम
बता दें कि जब भी कोई इमरजेंसी सेवा जा रही हो और उसी समय अगर कोई संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति जा रहे हों तो उन्हें रोककर इमरजेंसी सेवा को रास्ता दिया जाता है. लेकिन आज सीएम नीतीश के काफिले में इस नियम का पालन नहीं किया गया.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट मीडिया कर्मियों की सूझबूझ से निकला एंबुलेंस
इनकम टैक्स चौराहे के पास जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिडिल स्कूल जा रहे थे तो वहां पर एंबुलेंस उनके काफिले के लिए इंतजार करता रहा. हालांकि, मीडिया कर्मियों की सूझबूझ के कारण उस एंबुलेंस को बाहर निकाला गया. जिसके बाद इमरजेंसी की हालत में मरीज फंसे मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया.
गौरतलब है कि जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह के द्वारा पटना में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आमंत्रित किया था. मुख्यमंत्री के साथ जेडीयू के कई मंत्री और कई विधायक भी यहां पहुंचे थे.