पटना: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया. स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाने लगा. वहीं, बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कई दावे किये गए. ऐसे में अनलॉक-1 लागू तो हो गया है लेकिन कोरोना के मामले अभी भी मिल रहे हैं. दूसरी ओर स्वास्थ्य व्यवस्था पर जरा सी चूक, सरकार पर सवालिया निशान खड़ा करती है. बात करें एंबुलेंस सेवा की, तो कोरोना काल में इस सेवा का अहम योगदान है.
जहां लागू लॉकडाउन के दौरान परिवहन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई. वहीं, इमरजेंसी सेवाओं को छूट दी गई. ऐसे में एंबुलेंस ने मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए बेहतर काम किया. लेकिन बिहार से ऐसी कई खबरें आईं, जिन्होंने बिहार में एंबुलेंस की कमी और प्रशासनिक लापरवाही को जग जाहिर कर दिया. मामला जहानाबाद में दो बच्चों की मौत से जुड़ा हो या मोतिहारी में पैसे की कमी के चलते एंबुलेंस न मिलने से बच्चे की मौत का. ये तीनों मामले बिहार में हाई लाइट रहे. इनको लेकर विपक्ष ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.
मनमाना भाड़ा वसूला गया
बिहार में डायल 102 सेवा एंबुलेंस मुहैया कराती है. इमरजेंसी के समय यह सेवा पूरी तरह निशुल्क रहती है. लेकिन यदि कोई बीमार इस सेवा से एंबुलेंस बुलाता है, तो उसके लिए भाड़ा तय है. निर्धारित भाड़ा 10 रुपये प्रति किलोमीटर रखा गया है. वहीं, रेड क्रॉस और समाज कल्याण सोसाइटी से टाई अप एंबुलेंस फ्री में सुविधा मुहैया कराती हैं. ऐसे में पीएमसीएच की बात करें तो अस्पताल प्रशासन के पास खुद की मात्र 6 एंबुलेंस हैं. अधीक्षक डॉ. विजय कारक की मानें, तो उन्होंने 10 एंबुलेंस उपलब्ध कराने के लिए विभाग को पत्र लिखा है.
अब बात भाड़े की करें, तो प्राइवेट एंजेसी से जुड़े एंबुलेंस चालकों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो सभी ने अलग-अलग भाड़ा बताया. किसी ने 10 रुपये प्रति किलोमीटर बताया, तो किसी ने 12 रुपये प्रति किलोमीटर. इससे साफ जाहिर होता है कि बिहार में एंबुलेंस चालक मनमाना भाड़ा वसूल रहे हैं. भले कैमरे पर उन्होंने कुछ भी कहा हो.
मरीज के परिजन बोले- बहुत ज्यादा है किराया
मोतिहारी से अपने मरीज को लेकर पीएमसीएच पहुंचे राजेश शाह ने बताया कि उनका केस रेफर हुआ था इसलिए सरकारी एंबुलेंस से वह पीएमसीएच निशुल्क पहुंच गए. लेकिन इलाज के बाद अब जब वापस मोतिहारी जाना है, तो उसके लिए एंबुलेंस वाले ज्यादा पैसे की डिमांड कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एंबुलेंस से मोतिहारी तक का भाड़ा 3 हजार 500 रूपया बनता है. लेकिन प्राइवेट एंबुलेंस वाले 5 हजार रुपया मांग रहे हैं.