पटना:बिहार सरकार ने भ्रष्टाचारियों को पकड़वाने वाले शख्स को पुरस्कृत करने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के बाद आरजेडी ने सुशासन की सरकार पर सवाल उठाए हैं. आरजेडी के प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार फेल हुई है तभी तो अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है.
आरजेडी प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने नीतीश सरकार के फैसले पर हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों को दूसरे पर फेंक रही है. भ्रष्टाचार पर काबू पाने की जिम्मेदारी सरकार की है. आम आदमी 50 हजार के लोभ में अब यही देखते फिरेगा.
'सरकार को अपनी एजेंसियों पर भरोसा नहीं'
आलोक मेहता ने कहा है कि भ्रष्टाचार पर काबू पाने में सरकार फेल हुई है तभी तो अपनी जिम्मेदारी को आम लोगों पर थोप रही है. सरकार के पास एजेंसी है, एंटी करप्शन ब्यूरो है फिर भी सरकार भ्रष्टाचारियों पर नकेल डालने में असफल साबित हुई है. अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए सरकार इस तरह की नीति अपना रही है.
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कैबिनेट बैठक में लिया गया था फैसला
बता दें कि नीतीश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब घूसखोर को पकड़वाने वाले व्यक्तियों को राज्य सरकार इनाम देगी. इसमें एक हजार रुपये से लेकर 50 हजार तक की इनाम की राशि दी जाएगी. गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी. इस बैठक में कुल 16 एजेंडों पर मुहर लगी. जिसमें भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना सहित कई और फैसले लिए गए.