पटना:बिहार के कुढ़नी उपचुनाव (Kurhani By Election Result 2022) में सत्ताधारी महागठबंधन के प्रत्याशी की हार के बाद जेडीयू इसकी समीक्षा की बात भले कर रहा है, लेकिन इस परिणाम के बाद विरोधी दल उत्साहित हैं. इस बीच, कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार की शराबबंदी कानून को लेकर लोगों की नाराजगी (Kurhani Election Lost Due To Liquor Ban) इस चुनाव में बड़ा मुद्दा साबित हुई.
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कुढ़नी उपचुनाव में हार पर महागठबंधन में सिर फुटव्वल! : कांग्रेस ने तो जेडीयू प्रत्याशी की हार को शराबबंदी (Congress Leader Ajit Sharma) से जोड़ दिया है जबकि जेडीयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी इशारों ही इशारों में इस ओर दिखाने की कोशिश की है. वैसे, इसमें कोई शक नहीं शराबबंदी के बाद ग्रामीण इलाकों में पुलिसिया दमन बढ़ा है. सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी इसे कई बार सार्वजनिक मंचों से उठाते भी रहे हैं.
क्या शराबबंदी ने डुबोई नीतीश की नैया? : कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने शराबबंदी और ताड़ीबंदी पर इसका ठीकरा फोड़ा है. अजीत शर्मा ने कहा कि निश्चित तौर पर बिहार में शराबबंदी व तारी पर पाबंदी लगी हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब कुढ़नी गए थे तो विरोध भी हुआ था. अब इसका फायदा बीजेपी ने उठाया है. इसलिए हमलोग कुढ़नी सीट हार गए.
''जेडीयू और बीजेपी साथ थी, तो सब पार्टी ने मिलकर शराबबंदी लागू किया था. जब बीजेपी अलग हो गई तो वह पासी समाज व मुशहर समाज को बरगलाने का काम किया. इस समाज के लोगों ने जो ताड़ी पर से प्रतिबंध हटाने के लिए मुख्यमंत्री का विरोध किया था, प्रतिबंध नहीं हटाने पर सभी ने बीजेपी को वोट दे दिया.''- अजीत शर्मा, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता
उपेंद्र कुशवाहा का ट्वीट :आरोप लगाया जाता रहा है कि ग्रामीण इलाकों में शराब के नाम पर पुलिस किसी के भी घर में किसी भी वक्त घुसकर शराब खोजने लगती है, इसमें गरीब परिवारों के बहू-बेटियों के इज्जत का भी ख्याल नही रखा जाता है. जिसे लेकर लोगों के बीच नीतीश के प्रति नाराजगी बढ़ी है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्वीट में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता की कुछ पंक्तियों के साथ अपने ट्वीट में लिखा, कुढ़नी के परिणाम से हमें बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. पहली सीख-जनता हमारे हिसाब से नहीं बल्कि हमें जनता के हिसाब से चलना पड़ेगा.
नीतीश कुमार के प्रति लोगों में नाराजगी थी :कुढनी उपचुनाव में प्रचार करने पहुंचे लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने इस मुद्दे को उठाकर हवा दे दी थी. वैसे, कहा तो यहां तक जा रहा है कि बिहार विधानसभा 2020 में भी नीतीश कुमार के प्रति लोगों में नाराजगी थी, लेकिन हाल के उपचुनावों में यह नाराजगी और बढ़ी है.
चिराग ने बिगाड़ा नीतीश कुमार का खेल! : गोपालगंज की तरह कुढ़नी में भी चिराग पासवान बीजेपी के लिए दमदार साथी साबित हुए. जब ये कहा जा रहा था कि तेजस्वी ने लालू की बीमारी का इमोशनल कार्ड खेलकर बढ़त बना ली है. ठीक उसी वक्त प्रचार के आखिरी क्षणों में मैदान में उतरे चिराग पासवान ने जोरदार प्रचार कर पासवान और दूसरी जाति के दलित वोटर को बीजेपी के पाले में खड़ा कर दिया. कुढ़नी में करीब 20 हजार पासवान वोटर हैं.
कुढ़नी उपचुनाव में जेडीयू की हार :बता दें कि बिहार में 5 दिसंबर को कुढ़नी उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था. गुरुवार को आए नतीजों में यहां से बीजेपी के केदार प्रसाद गुप्ता ने जीत दर्ज की है. बीजेपी ने जेडीयू को लगभग 3645 वोटों से हराया है. यहां BJP को 76,653 और जेडीयू को 73,008 वोट मिले.