पटनाःइलाहाबाद बैंक के पटना रीजन की मुख्य शाखा में ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन की बैठक आयोजित की गई. जिसमें सभी बैंक कर्मियों ने इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में मर्जर का खुलकर विरोध किया. बैठक के बाद कर्मियों ने 7 सितंबर के दिन शनिवार की शाम बैंक के मुख्य शाखा में मर्जर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया.
इलाहाबाद बैंक का इंडियान बैंक में मर्जर का विरोध, केंद्र सरकार पर लगाया पक्षपात का आरोप - ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक
ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश सचिव सुनील कुमार सिंह ने कहा कि यह नॉर्थ और साउथ की राजनीति के कारण हो रहा है. उन्होंने सीधा आरोप वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर लगाया, क्योंकि वो साउथ से हैं.
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155 साल पुराना इलाहाबाद बैंक
ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव उत्पल कांत ने कहा कि हम अपनी विरासत की लड़ाई लड़ रहे हैं. देश का सबसे पुराना बैंक इलाहाबाद बैंक है. यह 155 साल पुराना है. इसका विलय इंडियन बैंक से होने जा रहा है. जो मात्र 100 साल पुराना है. उन्होंने कहा कि बैंकों का मर्जर समय-समय पर होता रहता है, लेकिन इलाहाबाद बैंक में 24 सौ कर्मचारी हैं. जबकि इंडियन बैंक में उन्नीस सौ कर्मचारी हैं. उन्होंने कहा कि इंडियन बैंक की तुलना में इलाहाबाद बैंक नीतियों में काफी आगे है.
बैंकों के साथ भेदभाव
ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश सचिव सुनील कुमार सिंह ने कहा कि यह नॉर्थ और साउथ की राजनीति के कारण हो रहा है. उन्होंने सीधा आरोप वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर लगाया, क्योंकि वो साउथ से हैं. इसी के कारण नॉर्थ के बैंकों के साथ इस प्रकार भेदभाव कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे पहले चिदंबरम भी थे. तो ऐसा होता था लेकिन इस बार कृत्रिम माहौल बनाकर विलय किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से रोजगार के मौके घटेंगे और बेरोजगारी बढ़ेगी.