पटना:आम लोगों को जल्द न्याय दिलाने, कानून व्यवस्था और अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस अदालत, जेल और अभियोजन को एक साथ ऑनलाइन जोड़ने का काम बिहार में जोर-शोर से चल रहा है. इंटरप्रेटेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम योजना का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है.
ऑनलाइन माध्यम से निष्पादन
सीसीटीएनएस योजना भी इसी का एक हिस्सा है. बता दें लोगों को न्याय के लिए कोर्ट कचहरी थाना का चक्कर काटना पड़ता था. बिहार के जब सभी थाने ऑनलाइन हो जाएंगे तो, न्यायालय ऑनलाइन के माध्यम से किसी भी थाने से जुड़े मामले को ऑनलाइन के माध्यम से निष्पादन जल्द कर लेगा.
515 थानों का काम पूरा
पुलिस मुख्यालय ने बताया कि इस महीने तक 300 थाना और जुड़ जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमिटी की समीक्षा में 515 थानों का काम पूरा कर लिया गया है. इसमें पुलिस कोर्ट अभियोजन का कार्य चल रहा है.
सुनवाई में काफी विलंब
इंटरप्रेटेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम से जब सभी थाना जुड़ जाएंगे, तो कोर्ट पुलिस अभियोजन और जेल में पेपरलेस काम होने लगेगा. कोर्ट और थाना को पेपरलेस करने का मुख्य मकसद है कि किसी भी मामले को लेकर थाना की सुनवाई में काफी विलंब होता था. कोर्ट के निर्देश पर थाना से एफआईआर की कॉपी या रजिस्टर मंगवाने में समय लगता था. जिसकी वजह से सुनवाई टल जाती थी. कोर्ट में अभी भी काफी ऐसे मामले हैं, जो कई साल से लंबित हैं.
पेपर लेस होगा काम
सरकार का मुख्य उद्देश्य थाना और कोर्ट को पेपर लेस करना है. एफआईआर और अनुसंधान से जुड़े हर नई जानकारी कोर्ट, अभियोजन और जेल अधिकारियों को होगी. साथ ही पुलिस पदाधिकारियों को चालान और एफआईआर की कॉपी देने के लिए कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा. पुलिस का मेन मकसद है कि कोर्ट से वारंट को जेल भी नहीं जाना पड़ेगा. यह काम और संबंधी दस्तावेज सीधे एक-दूसरे अधिकारी के पास ऑनलाइन के माध्यम से पहुंचता रहेगा.