पटना: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को देशभर के किसान संगठन समर्थन दे रहे हैं और सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन आंदोलन भी कर रहे हैं. पटना में किसानों ने एक राजभवन मार्च भी सरकार के खिलाफ निकाला था. शनिवार को अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अशोक धावले ने पटना में किसान संगठनों के साथ बैठक की.
इस बैठक के बाद डॉ. अशोक धावले ने ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कड़ाके की ठंड में भी दिल्ली में लाखों किसान तीन 'काले' कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, जिसमें 40 से अधिक किसानों की जान भी जा चुकी है. लेकिन इसके बावजूद मोदी सरकार काफी आज संवेदनशीलता का परिचय दे रही है. सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द किसानों से वार्ता कर तीनों कृषि विरोधी काले कानून को सरकार वापस ले. लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही.
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'किसान महासभा सरकार को चेतावनी देता है कि अगर सरकार ने किसानों की बात नहीं मानी और तीनों कृषि विरोधी 'काले' कानून को वापस नहीं लिया, तो आगे आंदोलन को और तेज किया जाएगा. क्योंकि किसानों ने अब ठान लिया है कि वह पीछे नहीं हटेंगे. इस बार सरकार को ही पीछे हटना होगा. दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन अब जन आंदोलन में तब्दील हो रहा है और जनता का भी समर्थन किसानों को मिलने लगा है': डॉ. अशोक धावले, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान सभा
38 दिनों से आंदोलन जारी
बता दें किसान आंदोलन 38 दिनों से जारी है. कड़ाके की ठंड के बीच किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं, सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसानों और सरकार के बीच अब 4 जनवरी को अगली बैठक है. उम्मीद की जा रही है कि इस दिन गतिरोध खत्म हो सकता है. कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा है कि उन्हें भरोसा है कि 4 जनवरी को सकारात्मक नतीजे आएंगे.