पटना: बिहार के मजदूरों, किसानों, गरीबों, दलितों की समस्याओं को लेकर बिहार में आंदोलन को तेज करने की तैयारी अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा ने कर ली है. खेग्रामस के महासचिव धीरेंद्र झा ने बताया कि किसानों और मजदूरों की समस्याओं को लेकर लगातार आंदोलन चल रहा है. बिहार में आंदोलन काफी तेज है और आने वाले समय में और तेज होगा और हम 3 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे.
ये भी पढ़ें-आइसा और इंनौस का ऐलान- सरकार की वादाखिलाफी को लेकर 1 मार्च को करेंगे विधानसभा का घेराव
सरकार गरीबों को उजाड़ने का काम कर रही है
उन्होंने कहा कि बिहार में काफी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं. सरकार उन्हें उजाड़ने का काम कर रही है. उनके लिए कोई दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की जा रही. करीब पचास लाख से ज्यादा ऐसे गरीब परिवार हैं. जिनका मालिकाना हक उस जमीन पर नहीं है. आजादी के बाद 1948 में पीपी एक्ट बना था, जिसमें गरीबों को बासगीत पर्चा का प्रावधान लाया गया था. लेकिन, उन्हें आज तक जमीन का कागज नहीं मिला और उन्हें अब बेघर किया जा रहा है. मनरेगा मजदूरों को काम काफी कम मिल रहा है. हमारी मांग है कि मनरेगा मजदूरों को 200 दिन मजदूरी मिले और 500 रुपये दैनिक मजदूरी की व्यवस्था की जाए.