पटनाः लालू प्रसाद यादव के जेल से बाहर आने के बाद से बिहार में जोड़-तोड़ की राजनीति (Manipulation Politics In Bihar) शुरू हो गई है. दावा यह किया जा रहा है कि बिहार में जल्द सत्ता बदलेगी. अगर सत्ता या सरकार बदलती है, तो ऐसी स्थिति में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की भूमिका निर्णायक होगी. पार्टी के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष ने ईटीवी भारत के समक्ष अपने इरादे भी जाहिर कर दिए.
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समान विचारधारा वाली सरकार को देंगे समर्थन
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार है और सरकार बिल्कुल बहुमत के करीब है. राजनीतिक संकट की स्थिति में वीआईपी, हम और एआईएमआईएम पार्टी की भूमिका अहम होने वाली है. तीनों छोटे दल सरकार का भविष्य और स्थायित्व भी तय करेंगे. वीआईपी और हम पार्टी के जहां चार-चार विधायक हैं. वहीं एआईएमआईएम के 5 विधायक हैं. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने कहा कि बिहार में अगर सरकार बदलने की नौबत आएगी, तो हम वैसी सरकार को समर्थन देंगे जो हमारे एजेंडे के करीब होगी.
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मौका मिला तो सरकार में शामिल होगी एआईएमआईएम
'बिहार में अगर राजनीतिक संकट होगी और सरकार बदलने की नौबत आएगी, तो वैसी स्थिति में हमारी पार्टी भी सरकार में शामिल हो सकती है. भाजपा और जदयू में सांप-छछुंदर का खेल चल रहा है. सरकार संकटकाल में असफल साबित हुई है. अलग-अलग दलों के नेता अगर एमएलए फंड की मांग कर रहे हैं तो विधायकों के अनुशंसा पर ही पैसे खर्च होने चाहिए. राजनीतिक संकट की स्थिति में हम हालात को देखते हुए निर्णय लेंगे. जो हमारी पार्टी की विचारधारा और एजेंडे के करीब होगा, उसी सरकार को हम समर्थन देंगे और जरूरत पड़ी तो हम सरकार में भी शामिल होंगे.'-अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम
बिहार विधानसभाः आंकड़ों पर एक नजर
- एनडीए
बीजेपी | 74 |
जेडीयू | 45 |
हम | 04 |
वीआईपी | 04 |
कुल - | 127 |
- महागठबंधन
आरजेडी | 75 |
कांग्रेस | 19 |
एमएल | 12 |
सीपीआई | 02 |
सीपीएम | 02 |
कुल - | 110 |