नई दिल्ली/पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि बिहार कांग्रेस के संगठन में फिलहाल कोई फेरबदल नहीं होगा. मौजूदा अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) अपने पद पर बने रहेंगे. अब जो भी बदलाव होना होगा, वह नए साल में होगा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मेरी बात हुई है, मैं उनसे मिला था.
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अखिलेश सिंह ने कहा कि मैंने आलाकमान को सुझाव दिया है कि अभी बिहार में पंचायत चुनाव चल रहा है. अभी यह लंबा चलेगा. सभी लोगों को कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को मैदान में जाकर मदद करनी चाहिए. फिर अक्टूबर के आखिरी में तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर उपचुनाव में होना है. उसके लिए भी कांग्रेस कार्यकर्ता तैयारी करेंगे. इसलिए फिलहाल कोई फेरबदल नहीं किया जाए. मुझे जो जानकारी है उसके अनुसार संगठन में बदलाव अगर होना होगा तो नए साल में होगा.
उन्होंने कहा कि मैं अध्यक्ष पद के दौर में नहीं हूं. मैं राज्यसभा सांसद हूं. मैं अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हूं. उन्होंने यह भी कहा कि नया अध्यक्ष ऐसा होना चाहिए जिसकी स्वीकार्यता पूरे बिहार में हो और सबको साथ लेकर चल सके. ये भी पढ़ें: कन्हैया पर BJP के तंज का मदन मोहन झा ने दिया जवाब, कहा- 'बीजेपी में जो जाए वो दूध का धुला'
बता दें बिहार कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष मदन मोहन झा का कार्यकाल समाप्त हो गया है. सूत्रों के अनुसार बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरणदास जो दलित समाज से आते हैं उन्होंने विधायक राजेश राम के बारे में आलाकमान को कहा था कि इनको अध्यक्ष बना दीजिये, लेकिन बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने दास से कहा कि बिहार में कांग्रेस को सवर्ण समाज पर फोकस करना चाहिए और किसी सवर्ण समाज के व्यक्ति को ही अध्यक्ष बनाना चाहिए. राजेश राम दलित समाज से आते हैं.
वरिष्ठ नेताओं ने यह तक कहा कि दलित समाज का वोट पार्टी को ज्यादा नही मिलता. अगर सवर्ण समाज के नेता को अध्यक्ष बनाया जाएगा तो यह पार्टी हित में होगा. सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष पद के लिए अखिलेश सिंह का नाम आगे चल रहा है, जोकि सवर्ण हैं तथा भूमिहार समाज से आते हैं. पार्टी को नया अध्यक्ष एवं 8 कार्यकारी अध्यक्ष अब नए साल में ही मिल सकते हैं. बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक हैं जिसपर एनडीए की नजर है. विधायकों को ही जिम्मेदारी देकर कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है ताकि पार्टी को टूट से बचाया जा सके. अगर नए साल में नए अध्यक्ष लाने की बात होगी तो हो सकता है अखिलेश सिंह की ताजपोशी हो जाए. अगर उन्होंने मना किया तो यह भी हो सकता कि जो मौजूदा अध्यक्ष मदन मोहन झा हैं उनको एक और टर्म अध्यक्ष का दे दिया जाए.