नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जो स्थिति रही उससे खुद कांग्रेसी नेता भी आश्चर्य चकित हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह का कहना है कि 19 सीटें जीतने से कांग्रेस को तकलीफ है. कांग्रेस को कम से कम 35 सीटों पर जीतना चाहिए था.
सिर्फ 19 सीटों पर जीत से तकलीफ, जनमत का हुआ अपहरण, जनता NDA को नहीं करेगी माफ: अखिलेश सिंह - जनमत का हुआ अपहरण
पूर्व केंद्रीय मंत्री व बिहार से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने बिहार में कांग्रेस को कम सीटें आने पर प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि 19 सीटों पर जीत दर्ज करने की हमें तकलीफ है. कम से कम कांग्रेस को 35 सीटें जीतनी चाहिए थी, लेकिन प्रशासन के सहयोग से कांग्रेस को कुछ सीटों पर हराया गया है.
'पहले दिन राहुल गांधी ने हिसुआ में चुनाव प्रचार किया. तीन बार से BJP विधायक को कांग्रेस ने वहां हरा दिया. दूसरे दिन राहुल गांधी ने किशनगंज में रैली की. वहां एमआईएम के उम्मीदवार हार गए और कांग्रेस की जीत हुई. तीसरे दिन राहुल ने अररिया में जनसभा की. यहां भी कांग्रेस को जीत मिली. कुछ सीट हम लोग हारे भी हैं. उसकी कई वजह हो सकती हैं. प्रधानमंत्री मोदी भी जहां-जहां प्रचार किये वहां सब सीटें नहीं जीत पाये हैं. पहले कांग्रेस के पास 27 सीटें थीं. इस बार हम लोग 19 सीट ही जीत पाए. इसका हमें तकलीफ है. 35 सीटें कांग्रेस को जरुर जीतनी चाहिये थी.'-अखिलेश सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री
चुनाव के बाद कांग्रेस में मंथन
बिहार चुनाव में हार के बाद पार्टियां मंथन में लगी है. कांग्रेस भी इस हार के बाद मंथन कर रही है.अखिलेश सिंह का कहना है कि प्रशासन के सहयोग से कई सीटों पर कांग्रेस को हरवाया गया है. जनमत का जिस तरह से अपहरण हुआ है उसके लिये बिहार के लोग कभी माफ नहीं करेंगे. बता दें बिहार चुनाव में एनडीए की जीत हुई है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार फिर से बन गयी है. 125 सीट एनडीए जीता है. NDA में 74 बीजेपी, 43 जदयू, 4 हम, 4 सीट वीआईपी जीती है. महागठबंधन में RJD 75, कांग्रेस 19, लेफ्ट पार्टियां 21 सीट जीती हैं.