पटना:आगामी 28 अप्रैल को बिहार के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाए, जीविका दीदी और आशा के तौर पर काम रही महिलाएं राज्य के सभी प्रखंड कार्यालयों पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगी. इस बात का निर्णय ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमेन एसोसिएशन (AIPWA) की बैठक में लिया गया. बुधवार को की गई इस बैठक में उक्त जगहों पर काम कर रहीं महिलाओं की समस्याओं को लेकर चर्चा की गई. वहीं इस दौरान 6 सदस्यीय संयोजन समिति का भी गठन किया गया.
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लॉकडाउन में जिन्होंने काम किया उनका कर्ज माफ नहीं हुआ
बैठक को लेकर AIPWA की की महासचिव मीना तिवारी ने बताया कि 2020 के लॉकडाउन में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की कर्ज माफी और जीविका कार्यकर्ताओं से जुड़े कई मुद्दों को लेकर बैठक में चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि इनकी समस्याओं को कई बार उठाया गया. लेकिन सरकार ने इसे लेकर कुछ नहीं किया. विगत 5 मार्च को विधानसभा मार्च भी हमलोगों ने किया लेकिन बावजूद इसके बिहार बजट में इन महिलाओं को कोई राहत नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़े-बड़े पूंजीपतियों और बड़े लोगों का कर्ज माफ कर दिया, लेकिन जिन महिलाओं ने कोरोना काल में भी लगातार काम किया, सरकार ने उनके कर्ज माफ नहीं किए.
28 अप्रैल को करेंगे प्रदर्शन
मीना तिवारी ने कहा कि हमने तय किया है कि आगामी 28 अप्रैल कोबिहार राज्य के सभी प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगों को प्रमुखता से रखेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी मांगें हैं कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का सरकार कर्ज माफ करे, जीविका महिला कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो, पहचान पत्र, बीमा और 21000 रुपये मानदेय सरकार तय करे. वहीं पुनः स्वरोजगार हेतु उन महिलाओं को जो उद्योग या छोटे-मोटे काम करना चाहती हैं, उन्हें ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाए. उन्होंने मांग की कि सरकार इसके नियमन हेतु राज्य प्राधिकार का गठन करें.