पटना:औरंगाबाद के चिरैला गांव में बीते 8 अप्रैल को 6 लड़कियों के सामूहिक रूप से जहर खाने (6 Girls Consume Poison in Aurangabad) का मामला गरमा रहा है. जिसमें से 4 की मौत हो गयी थी. जिसको लेकर मंगलवार को भाकपा माले की इकाई ऐपवा (CPI-ML Unit Aipwa) ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की. ऐपवा की महासचिव मीना कहा कि 6 दलित लड़कियों के द्वारा सामूहिक रूप से जहर खाने का मामला प्रकाश में आने के बाद ऐपवा की टीम घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची. टीम में राज्य सह सचिव रीता वर्णवाल समेत 10 लोग शामिल थे. यह आत्महत्या नहीं बल्कि किसी बड़ी साजिश को ढकने का प्रयास प्रतीत हो रहा है.
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प्रेम प्रसंग में जहर खाने का मामला: मीना तिवारी ने कहा कि उनकी टीम जब वहां पहुंची तो गांव के कुछ लोगों ने कहा कि प्रेम प्रसंग में जहर खाने का मामला है, जबकि पीड़ित परिवार प्रेम प्रसंग के मामले को नकार रहा है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे लोग गांव में केवल 15 घर हैं. वे रोज कमाने खाने वाले हैं. ऐसे में वह इस मामले में खुलकर कुछ बोलना नहीं चाहते. उन लोगों को सुरक्षा का डर है. उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को लेकर सवाल उठता है कि आखिर दवा की दुकानों पर आसानी से लड़कियों को जहर कैसे मिल गया. यह आत्महत्या नहीं बल्कि किसी बड़ी साजिश को ढकने का प्रयास प्रतीत हो रहा है.