अख्तरुल इमान, AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष पटना: देश की राजनीति में दो गठबंधन तैयार हो रहे हैं. भाजपा और उसके सहयोगी दलो के गठबंधन का नाम एनडीए है तो वहीं भाजपा विरोधी दलों का जो गठबंधन बन रहा है उसका नाम तय नहीं हुआ है. इस गठबंधन की बैठक आज सोमवार को बेंगलुरू में हो रही है जिसमें बिहार के महागठबंधन के नेता भी शामिल हो रहे हैं. AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष ने इन दोनों ही गठबंधनों पर तंज कसते हुए सत्तालोलुप बताया.
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मुसलमानों को दबाना चाहते हैंः अख्तरुल इमान का कहना है एआईएमआईएम माइनॉरिटी की वकालत कर रही है. लेकिन एआईएमआईएम को माइनस करके गठबंधन बना रहे हैं. जिसके मायने यह है कि बिहार में मुसलमानों को कुचलना चाहते हैं. एआईएमआईएम को दोनों तरफ से क्यों बाहर रखा जा रहा है, इस सवाल पर अख्तरुल इमान ने कहा यह तो मुझे पता नहीं है लेकिन मुस्लिम का वोट इनको प्यारा है. बीजेपी का भय दिखाकर वोट लेना जानते हैं लेकिन माइनॉरिटी में कोई लीडर आगे आ रहा है तो उसका गला दबा देना ही अच्छा लगता है.
'मदारी का तमाशा देख रहा हूं. एक सत्ता बचाने के लिए लड़ रहा है दूसरा सत्ता पाने के लिए लड़ रहा है. देश की जनता की समस्याओं को लड़ने के लिए चेहरे साफ नहीं हुए हैं. बिहार ने विपक्षी एकजुटता की अगुवाई की है लेकिन बिहार में सबसे खराब स्थिति दलितों की और माइनॉरिटी की है.'- अख्तरुल इमान, AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष
माइनॉरिटी के लिए क्या कियाः अख्तरुल इमान ने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि महागठबंधन के दो प्रमुख घटक दल जदयू और आरजेडी यदि हिम्मत है तो अपने 15 साल के शासन में यह बताएं कि माइनॉरिटी के लिए उन्होंने क्या किया है. अख्तरुल इमाम ने कहा कि प्रधानमंत्री का विकल्प देश चाहता है लेकिन विपक्षी दलों की बैठक में नीयत साफ होगी तभी कुछ होगा नहीं तो सिर्फ अपनी मियां मिट्ठू ही करते रहेंगे.