पटना : बिहार सरकार ने जो जातीय गणना रिपोर्टजारी की है, उसके बारे में जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी दलों के नेताओं को बुलाया था और सभी ने दलों की ओर से नेताओं ने अपनी-अपनी बात भी रखी. मुख्यमंत्री की ओर से जातीय गणना शुरू करने से पहले भी विधानसभा के सभी 9 दलों की बैठक बुलाई गई थी. अब रिपोर्ट जारी होने के बाद आज फिर से मुख्यमंत्री ने बैठक की है सबका सुझाव लिया है और रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी है.
AIMIM ने पिछड़े मुसलमानों की बात सामने रखी : एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि कोई नई बात नहीं सीएम ने रिपोर्ट में जो बात सामने आई उस पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी. सब लोगों की इच्छा है कि इस पर कल्याणकारी योजनाएं कैसे बनाई जाए, इस पर आर्थिक विश्लेषण होगा. उसके बाद हाउस में पूरी होगी. इसी तरफ उन्होंने इशारा किया. यह सिर्फ रिपोर्ट है. अभी इसमें बहुत कुछ करना है.
"मुसलमानों के लिए आरक्षण में आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. क्योंकि अभी जो 18% मुस्लिम है उसमें से पिछड़ों की आबादी अधिक है लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पाता है. ना तो सरकार के तरफ से और न हीं अन्य दलों की ओर से हिस्सेदारी की बात कही गई है, लेकिन मैंने अपनी बात पार्टी के तरफ से कही है."-अख्तरुल ईमान, विधायक एआईएमआईएम
'बीजेपी ने सर्वे का हमेशा समर्थन किया' : वहीं भाजपा की तरफ से नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि "हमने समर्थन किया, क्योंकि हम गरीबों का उत्थान चाहते हैं. हमारे देश के प्रधानमंत्री गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं. इसलिए हमने इस ओर इनका ध्यान आकृष्ट किया. हमने त्रुटि को लेकर सवाल खड़ा किया था कि इन त्रुटियों को कैसे दूर किया जाएगा. अधिकारी इस पर कुछ भी समाधान नहीं बता सके. बाद में मुख्यमंत्री ने कहा इसको देख लीजिए".