संजय झा, जल संसाधन मंत्री. पटना: जल संसाधन मंत्री संजय झा ने दरभंगा एम्स को लेकर केंद्र सरकार के रवैए पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि जो जमीन दरभंगा एम्स के लिए एक साथ दी गई है वह अच्छी जमीन है. उसी के बगल में इंजनीयरिंग कॉलेज भी बना हुआ है. एयरपोर्ट से भी नजदीक है. जलजमाव की बात को लेकर जमीन को अस्वीकार करना सही नहीं है. संजय झा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की जो टीम उस समय आई थी जमीन देखकर संतुष्टि जाहिर की थी बाद में क्या हुआ.
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"मुख्यमंत्री का डिसीजन था दूसरा एम्स बिहार में बने और वह दरभंगा में बने. पूरे देश में जहां भी एम्स बना है वह ग्रीन फील्ड जमीन पर बना है पटना में भी पीएमसीएच में नहीं बना है और ना ही आईजीआईएमएस में. पटना शहर से बाहर फुलवारी शरीफ में जाकर बना है. डीएमसीएच में एम्स बनता तो डीएमसीएच का अस्तित्व समाप्त हो जाता."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री
एक जगह जमीन उपलब्ध होना आसान नहींः जल संसाधन मंत्री ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जो रिपोर्ट दी है उसमें वॉटर लॉगिंग की बात की गई है, जबकि उसी के ठीक बगल में इंजीनियरिंग कॉलेज बना हुआ है. सिंगापुर जैसा देश का एक तिहाई भाग समुद्र को भरकर बनाया गया है. दुनिया टेक्नोलॉजी में कहां से कहां चली गयी. केंद्र सरकार ने क्यों कैंसिल किया है यह तो वही लोग बताएंगे. उससे सूटेबल जगह डेढ़ सौ 200 एकड़ जमीन किसी शहर में एक जगह मिलनी आसान नहीं है.
सहरसा में एम्स बनाने की मांगः संजय झा ने कहा कि दरभंगा एम्स के लिए बिहार सरकार ने जो जमीन दी है सारी सुविधा करके दी है. फोरलेन बगल में है, एयरपोर्ट बगल में है. सरकार ने जमीन भरने के लिए राशि दे दी है. उसका टेंडर हो गया है. वहीं मधेपुरा के जदयू सांसद दिनेश चंद्र यादव की ओर से 20 सांसदों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन प्रधानमंत्री को दिया गया, इस पर भी काफी विवाद हो रहा है. सुशील मोदी ने भी इस पर सवाल खड़ा किया था और सांसदों ने सहरसा में एम्स बनाने की मांग की थी.
दरभंगा में ही एम्स बनेगाः इस पर संजय झा का कहना है कि सभी सांसद को अपने क्षेत्र में मांग करने का हक है. उस लेटर में बीजेपी के सांसदों ने भी सिग्नेचर किया था. मंत्री संजय झा ने स्पष्ट कहा कि सरकार का स्टैंड क्लियर है दरभंगा में ही एम्स बनेगा. बता दें कि सरकार ने दरभंगा एम्स के लिए जो जमीन उपलब्ध कराई है उसमें जलजमाव होता है और यह मामला बिहार विधान परिषद में कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने भी उठाया था. सरकार ने 3 अरब से अधिक की राशि जमीन भरने के लिए कैबिनेट से स्वीकृत की है.