पटना: बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने पटना में उद्यान निदेशालय द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी एवं क्रियान्वयन विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि योजनाओं की सफलता का दायित्व जिला स्तर, प्रखंड स्तर और पंचायत स्तर पर पदस्थापित पदाधिकारी एवं कर्मचारियों पर होता है.
पटवन समस्या के कारण खेती पर असर- कृषि मंत्री
बिहार में हो रहे जलवायु परिवर्तन से पटवन के लिए पानी की किल्लत से खेती पर काफी असर पर रहा है. जिसको देखते हुए कृषि विभाग नई-नई योजनाओं की शुरुवात कर रहा है. सूबे में बहुतायात में ऐसे किसान हैं जिन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं है, इसलिए उन्हें कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में यह सेमिनार किसानों के लिए वरदान साबित होगी.
कृषि सेमिनार में उमड़ी भीड़ 17 जिले में औसत से कम बारिश
कृषि मंत्री ने कहा कि आधा बिहार बाढ़ की चपेट में है और आधा बिहार सुखाड़ की चपेट में है. 17 जिले ऐसे हैं जहां औसत से काफी कम बारिश हुई है. मॉनसून की दगाबाजी के चलते धान की रोपाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. अभी तक सूबे में मात्र 19 फीसदी ही रोपाई हो सकी है, पिछले साल की तुलना में आधे से भी कम है. इसलिए उन सभी जिलों को प्राथमिकता देते हुए वनड्राप क्रॉप खेती योजना शुरू की गई है, जिसकी जानकारी इस सेमिनार के माध्यम से किसानों को दी जाएगी. राज्य सरकार अतिरिक्त राज्यांश उपलब्ध कराते हुए ड्रीप सिंचाई पद्धति हेतु 90 प्रतिशत और स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति के लिए 75 प्रतिशत अनुदान सभी श्रेणी के किसानों को उपलब्ध करा रही है.
डॉ. प्रेम कुमार,कृषि मंत्री किसानों की आमदनी बढ़ाना है मुख्य लक्ष्य
मंत्री ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा मुख्य मकसद स्वरोजगार का सृजन कर किसानों की आमदनी बढ़ाना है. जिसके लिए किसानों को राष्ट्रीय बागवानी मिशन, मुख्यमंत्री बागवानी मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, फसल विविधीकरण योजना, छत पर बागवानी, लीची सुरक्षा अभियान, अंतरवर्ती फसल योजना और उद्यानिक उत्पाद विकास योजना के साथ-साथ अन्य सभी योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी जाएगी, ताकि वो भविष्य में उसका लाभ उठा सके.
कृषि सेमिनार में कृषि मंत्री डॉ. प्रेमकुमार 224 पदाधिकारी नियुक्त
योजनाओं का क्रियान्वयन अच्छे से हो इसके लिए 224 प्रखंड अनुदान पदाधिकारी की भी नियुक्ति की गई है. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के विकास के लिए कृषि विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है और इस तरह का सेमिनार उनके विकास में मील का पत्थर साबित होगा.