पटना: चुनावी साल में राजनीतिक हलचल तेज है. सभी दलों के नेता अपनी-अपनी पार्टी की उपलब्धियां गिनवाने में लगे हुए हैं. इस क्रम में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा कोटे के मंत्री प्रेम कुमार ने कृषि विभाग की उपलब्धियों को बताया. इस दौरान कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने 15 साल बनाम 15 साल की रूपरेखा रखी. उन्होंने कहा कि एनडीए के शासनकाल में बिहार में खेती और किसान दोनों की दशा सुधरी है.
'बिहार में 15 साल के NDA शासनकाल में बदली कृषि और कृषकों की दशा' - condition of farmers in nda government
विधानसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियों के नेता जनता को गोलबंद करने में जुट गए हैं. विपक्ष जहां सरकार की नाकामियों को गिनवा रहा है. वहीं, सत्तापक्ष की ओर से किए गए कार्यों को बखान किया जा रहा है.
2005 के मुकाबले हर क्षेत्र में हुई दोगनी तरक्की
मौके पर कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि 2005 से पहले कृषि विभाग का कुल बजट 20 करोड़ रुपये का था. जो आज बढ़कर 2400 करोड़ तक पहुंच गया है. हमारी सरकार ने कृषि रोड मैप बनाया. पहले गेहूं की उत्पादकता 18.23 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और उत्पादन 37.86 लाख मीट्रिक टन थी, जो एनडीए की सरकार में 28. 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन 61.55 लाख मिट्रिक टन हो गई है यानी दोगनी से भी ज्यादा वृद्धि हुई.
डिजिटल माध्यम से हुई आसानी
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि 2019-20 से अभी तक 2315628 किसानों को ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से 575658 क्विंटल बीज उपलब्ध कराया जा चुका है.पिछले 2 वर्षों में बाढ़-सुखाड़ से हुई फसल क्षति के लिए 48,00,000 से अधिक किसानों के खाते में लगभग 2,163 करोड़ रुपये की कृषि इनपुट सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से दी जा चुकी है. इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अभी तक राज्य के 75,00,000 किसानों के खाते में 5,213 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से भेजे जा चुके हैं. अब तक सरकार डेढ़ करोड़ से ज्यादा किसानों का रजिस्ट्रेशन करा चुकी है.