पटनाःलॉकडाउन के दौरान लगातार प्रवासी मजदूर बिहार पहुंच रहे हैं. सरकार उन्हें राज्य में ही रोजगार देने का दावा कर रही है. कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने इसको लेकर कहा कि कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन संबंधित काम करने के लिए मजदूर हमारे साथ आएं. विभाग उन्हें सारी सुविधा देगा. साथ ही अनुदान पर उन्हें विभिन्न काम करने के लिए ऋण भी दिया जाएगा.
प्रेम कुमार बोले- प्रवासी मजदूरों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करेगा कृषि विभाग - आर्थिक समस्या से निजात
कृषि मंत्री ने कहा कि हमने अपने विभाग के अधिकारियों को आदेश दे दिया है कि प्रावासी मजदूर के लिए स्किम चलाकर योजनाबद्ध ढंग से रोजगार की व्यवस्था की जाए. मजदूर अगर गौ पालन, मछली पालन, बकरी पालन और मधुमक्खी पालन के लिए इच्छुक हैं तो उन्हें तुरंत मदद मिलनी चाहिए.
आर्थिक समस्या से निजात
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न क्वॉरेंटाइन सेन्टर पर डाटा इकट्ठा कर रही है. जिसमें मजदूरों के स्किल की पहचान की जा रही है. इसी के आधार पर उन्हें रोजगार मुहैया कराएगी. उन्होंने कहा कि हमने अपने विभाग के अधिकारियों को आदेश दे दिया है कि प्रावासी मजदूर के लिए स्किम चलाकर योजनाबद्ध ढंग से रोजगार की व्यवस्था की जाए. मजदूर अगर गौ पालन, मछली पालन, बकरी पालन और मधुमक्खी पालन के लिए इच्छुक हैं, तो उन्हें तुरंत मदद मिलनी चाहिए. इससे उनकी आय बढ़ेगी और आर्थिक समस्या से निजात मिलेगी.
प्रवासी मजदूरों को रोजगार
बता दें कि बिहार में लगभग 15 लाख से ज्यादा मजदूर वापस लौटे हैं और अब सबसे बड़ी समस्या उनके रोजगार की होगी. भले ही सरकार के मंत्री कुछ भी दावा कर रहे हों, लेकिन सवाल ये है कि इतनी बड़ी आबादी में बिना उद्योग धंधे के प्रवासी मजदूरों को रोजगार कैसे मिलेगा.